उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में करीब पौने तीन माह बाद एक बार फिर श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। मंदिर प्रबंध समिति द्वारा कल प्रात: 6 से रात्रि 8 बजे तक दर्शन करवाए जाएंगे। कुल 7 स्लॉट 500-500 भक्तों के बनाए गए हैं, जिसके लिए 2-2 घण्टे का समय रखा गया है। ताकि कोरोना प्रोटोकाल (corona protocol) का पालन हो सके। मंदिर में ऑन लाइन बुकिंग (online booking) 1 जुलाई तक की हो चुकी है। मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार 28 जून प्रात: 6 बजे से दर्शन कर सिलसिला प्रारंभ हो जाएगा। कियोस्क बनाया गया है। यहां भक्तों को आकर अपना ऑनलाइन पंजीयन दिखाना होगा तथा मांगने पर कोरोना के टीके का प्रमाण पत्र अथवा आरटीपीसीआर की निगेटिव्ह रिपोर्ट देना होगी। इसके बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश 4 नम्बर गेट से होगा और निकासी 5 नम्बर गेट से। सशुल्क दर्शन के लिए 250 रू. की रसीद भी काटी जाएगी। भक्त 6 बजे से पूर्व भी पहुंच सकते हैं। भक्तों को पुष्प, प्रसादी ले जाने की अनुमति रहेगी।
28 जून से महाकालेश्वर मंदिर खुलने के साथ ही पण्डे,पुजारियों में असंतोष भी देखा जा रहा है। दिलीप गुरू का चर्चा में आरोप है कि जिला प्रशासन ने मॉल खोल दिए, मण्डी खोल दी। मुख्यमंत्री ने रविवार का जनता कफ्र्यू हटा दिया। इसके बाद जिला प्रशासन को महाकाल मंदिर के गर्भगृह के बारे में सोचना चाहिए। भक्तों को अभिषेक की रसीद काटकर आने दिया जाए। यदि 1500 रू. की अभिषेक की रसीद कटवाकर भक्त आता है और एक हजार लोग भी रसीद कटवाते हैं तो 15 लाख रू. प्रति दिन की आवक होगी। इसमें से 16 पुजारी और 22 पण्डों को भी लाभ होगा। कम से कम उन्हे यह सुविधा देना चाहिए,। ताकि मंदिर की आय बढ़े वहीं 16 पुजारी एवं 22 पण्डों को उसका एक हिस्सा मिल सके और वे भी परिवार चला सकें।