इंदौर। क्राइम ब्रांच (crime branch) की टीम ने द्वारकापुरी क्षेत्र से जिस सटोरिए को गिरफ्तार किया, उसने तीन ऐसे बड़े बुकियों के नाम बताए हैं, जो इंदौर (Indore) में पुलिस की नाक के नीचे वल्र्ड कप (World Cup) के दौरान करोड़ों के दांव उतार रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। खास बात यह कि बीती 14 तारीख को ही भारत-पाकिस्तान (India-pakistan) के बीच खेले गए मैच में सबसे ज्यादा दांव लगे।
कल क्राइम ब्रांच की टीम ने द्वारकापुरी क्षेत्र के सुदामा नगर में दबिश देकर क्रिकेट के सटोरिए विशाल मेहता के घर से 23 लाख रुपए नकदी और सवा किलो सोना बरामद किया था। विशाल मेहता फिलहाल द्वारकापुरी पुलिस की कस्टडी में है। विशाल का कहना है कि वह तो मोहरा है, इंदौर की फिजा में क्रिकेट के सट्टे का जहर घोलने वाले कई नाम हैं, जो खासकर युवाओं को इसकी लत लगाकर करोड़ों के दांव खेल रहे हैं। उसमें सबसे बड़ा नाम राजगुरु का है। उसका कहना है कि वह राजगुरु से लाइन लेता है। राजगुरु का संचालक फिलहाल इंदौर में नहीं है। वह इंदौर के बाहर बैठकर इंदौर के लोगों को लाइन देकर हर मैच में करोड़ों का खेल करता है। वहीं उसने बिट्टू और नांटी के नाम भी बताए। ये भी बड़े सटोरिए हैं। राजगुरु के नाम से सट्टे की एक नामचीन वेबसाइट है। राजगुरु के अलावा नाकोड़ा, पाकीजा, राधे-राधे सहित कई ऐसी सट्टे की वेबसाइट हैं, जिन पर प्रति मैच करोड़ों के खेल होते हैं। राजगुरु के संचालक को तो इंदौर पुलिस और क्राइम ब्रांच कई बार पकड़ चुकी है। इस डर से वह इंदौर से नहीं बाहर से सट्टा उतरवाता है। यहां उसने केबल लाइन की तरह सट्टे की लाइनें फैला रखी हैं, जिसमें इंदौर पुलिस की सोच से अधिक का हर मैच में कारोबार होता है। सट्टे की गिरफ्त में सिंधी कॉलोनी के भी कई युवा हैं, जो लालच में आकर इन बुकियों से लाइन लेते हैं और दांव लगाते हैं।
10 साल से काम में लिप्त
कल क्राइम ब्रांच की टीम ने जैसे ही मेहता के घर के दबिश दी तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि मेहता अपने पूरे क्रिकेट के कारोबार को घर के एक अलग कमरे से संचालित करता था। उसने पुलिस को बताया कि लगभग 10 सालों से वह यह काम कर रहा है।
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