मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay high court) ने बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर मीडिया (Media) या सोशल मीडिया (Social Media) को ‘चुप’ कराने से इनकार कर दिया है. हालांकि, शेट्टी द्वारा मानहानि करने वाले पाए गए कुछ वीडियो को मुकदमा दायर किए जाने के बाद हटा दिया गया. जस्टिस गौतम पटेल ने शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि शेट्टी अपनी याचिका में मीडिया को रिपोर्टिंग पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं. इसका प्रेस (Press) की स्वतंत्रता पर गलत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने आगे कहा, “पुलिस ने जो कहा है उसके आधार पर किसी चीज की रिपोर्ट करना डिफेमेट्री नहीं है.”
क्या है पूरा मामला?
पोर्नोग्राफी मामले में पिछले दिनों मुंबई पुलिस (Mumbai Police) की क्राइम ब्रांच (crime branch) की टीम राज कुंद्रा (Raj Kundra) को लेकर शिल्पा शेट्टी के घर पहुंची थी. इस दौरान कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि जब कुंद्रा और शेट्टी का आमना-सामना हुआ, तब एक्ट्रेस रोने लगी थीं. उन्होंने पति राज कुंद्रा पर काफी नाराजगी भी व्यक्त की थी. इस तरह की कई रिपोर्ट्स को लेकर शिल्पा शेट्टी ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कुंद्रा पिछले कई दिनों से इस मामले में मुंबई पुलिस की हिरासत में हैं.
शिल्पा शेट्टी की ओर से पेश हुए एडवोकेट बीरेन सराफ ने आपत्ति जताई कि जो एक पति और पत्नी के बीच हुआ, इसकी सूचना बाहर नहीं दी जानी चाहिए थी हालांकि, जस्टिस पटेल ने कहा कि शिल्पा शेट्टी के साथ यह घटना बाहरी लोगों (पुलिसकर्मियों) के सामने हुई थी और यह ‘क्राइम ब्रांच के सूत्रों’ के हवाले से मीडिया में रिपोर्ट किया गया था. कोर्ट ने कहा कि शिल्पा शेट्टी एक पब्लिक फिगर हैं और इस तरह के लेख डिफेमेट्री नहीं हैं.
जस्टिस गौतम पटेल ने आगे कहा, “आपने (शेट्टी) सार्वजनिक जीवन को चुना है. आपका जीवन एक माइक्रोस्कोप के तहत है. सबसे पहले यह कहना कि वह रोई और अपने पति के साथ लड़ी जब उसका बयान दर्ज किया गया था, यह मानहानि करने वाला नहीं है. यह दिखाता है कि वह भी एक इंसान है.” सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस आदेश के किसी भी हिस्से को मीडिया को शांत कराने के रूप में नहीं माना जाना चाहिए.
बता दें कि कोर्ट शिल्पा शेट्टी द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके पति राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के संबंध में सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर उनके खिलाफ गलत, झूठी, दुर्भावनापूर्ण और मानहानि करने वाली जानकारी के पब्लिकेशन पर रोक लगाने का आदेश देने की मांग की गई थी. जस्टिस पटेल ने अपने आदेश में यह भी साफ किया कि शेट्टी पर कोई भी रिपोर्ट उनके बच्चों के पालन-पोषण से संबंधित नहीं होनी चाहिए.
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