मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस रोहित बी देव ने खुली अदालत में एक चौंकाने वाला कदम उठाया। नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति देव ने कई वकीलों की उपस्थिति में अपना फैसला सुनाते हुए अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। हालांकि, उन्होंने इसके पीछे का कारण नहीं बताया। अदालत कक्ष में मौजूद एक वकील के अनुसार, न्यायमूर्ति ने कहा कि वह अपने आत्मसम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकते हैं।
इस्तीफे की घोषणा करने के बाद उन्होंने लोगों से अपने कार्यकाल के दौरान किसी को ठेस पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में बैठे न्यायमूर्ति देव ने साल 2022 में माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को बरी कर सुर्खियां बटोरी थीं।
इस दौरान उन्होंने जीएन साईबाबा को बरी करते हुए उनपर लगे आजीवन कारावास को भी रद्द कर दिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस फैसले को निलंबित कर दिया और हाई कोर्ट की नागपुर पीठ को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था।
मालूम हो कि न्यायमूर्ति देव को जून 2017 में बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। हालांकि वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने साल 2016 में महाराष्ट्र सरकार के लिए महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया था।
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