नई दिल्ली. कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) से बड़ी राहत मिली है. जस्टिस पीके चव्हाण ने भिवंडी कोर्ट (Bhiwandi court) के उस आदेश को खारिज (cancels) कर दिया है जिसमें याचिकाकर्ता को साक्ष्य के रूप में नए दस्तावेज कोर्ट के सामने रखने की इजाजत दी गई थी. इसके अलावा मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीके चव्हाण ने कहा, ‘ये मामला एक दशक पुराना है, और इसका जल्द से जल्द भिवंडी कोर्ट निपटारा करे, साथ ही दोनों पक्षों को अदालत का सहयोग करने का निर्देश दिया.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने खारिज किया था भिवंडी कोर्ट का फैसला
इस मामले ने 9 साल बाद तब तूल पकड़ा जब 2023 में भिवंडी मजिस्ट्रेट ने इस केस में राजेश कुंटे को राहुल गांधी के भाषण की नकल के साथ कुछ और नई तहरीर पेश करने की इजाजत दे दी. भिवंडी कोर्ट के इसी फैसले को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसे जस्टिस पीके चव्हाण ने स्वीकार कर लिया और सुनवाई करते हुए भिवंडी कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया.
इससे पहले राजेश कुंटे ने भिवंडी अदालत के सामने साक्ष्य के रूप में नए दस्तावेजों को रखा था और उस समय मजिस्ट्रेट ने इन सारे कागजातों को स्वीकार कर लिया कर लिया था. इसके साथ ही उन दस्तावेजों को रिकार्ड का हिस्सा बनाने की इजाजत भी दे दी थी.
मजिस्ट्रेट के इसी आदेश को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में चैलेंज किया था. राहुल गांधी के वकील कुशल मोर ने कहा कि कुंटे को अपने साक्ष्य के आधार पर याचिका दायर करनी चाहिए थी. वहीं राजेश कुंटे के वकील ने अपने बयान में कहा था कि दाखिल किए गए दस्तावेज में कुछ भी गलत नहीं है, वे उसको साबित कर चुके हैं इस लिए मजिस्ट्रेट द्वारा दिया गया फैसला किसी भी तरह से गलत नहीं है.
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