इंदौर: प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) को किसी अज्ञात व्यक्ति ने बम से उड़ाने की धमकी (bomb threat) दी है. वह इन दिनों इंदौर (Indore) में भागवत कथा कह रहे हैं. इस धमकी पर अनिरुद्धाचार्य का कहना है कि उनकी सेवा करना किसी को अच्छा नहीं लग रहा है, इसलिए वह ऐसा कार्य कर रहा. उन्होंने कहा कि भगवान से यही प्रार्थना कि वो ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें.
उन्होंने कहा कि वो अपनी अंतिम सांस तक धर्म की सेवा करते रहेंगे. उनका कहना है कि वो किसी की धमकी देने से रुकने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को संगठित होने की जरूरत है.उन्होंने कहा कि देश हिंदू राष्ट्र बनने जा रहा है, शायद यही बात कुछ लोगो को अच्छी नहीं लग रही है.
प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य को एक करोड़ रुपये की फिरौती और बम से उड़ाने की धमकी पर उन्होंने कहा कि धर्म की सेवा करना किसी को अच्छा नहीं लग रहा है. इसलिए वह ऐसा कार्य कर रहे हैं. भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि इन्हें भगवान सद्बुद्धि दें. सभी देशवासियों को संगठित होने की जरूरत है, क्योंकि हिंदू राष्ट्र बनने जा रहा है. शायद यही बात कुछ लोगों को अच्छी नहीं लग रही. किसने किया है, इसको लेकर सरकार को जांच करनी चाहिए.
दरअसल, उत्तरप्रदेश के वृंदावन वाले प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्ध आचार्य इन दिनों इंदौर के कनकेश्वरी धाम में भागवत कथा का वाचन कर रहे हैं. उनके द्वारा मंगलवार कथा के दौरान बताया की उन्हे दो दिन पूर्व एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पत्र दिया हैजिसमे हमे जान से मारने की धमकी दी गई और गौरी गोपाल आश्रम को बम से उड़ाने की धमकी भी दी गई. यह सब क्यों हो रहा है? सिर्फ इसलिए की सनातन धर्म का प्रचार यह दास कर रहा है.
उनका कहना है कि शायद कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्हें यह सेवा अच्छी नहीं लग रही है. इसलिए इस प्रकार की उद्दंडता कर रहे हैं. हम तो भगवान से यही प्राथना करते हैं कि भगवान इन लोगों को सद्बुद्धि दें और यह भी अच्छे कार्य करें. हम तो अंतिम सांस तक सनातन और अपने धर्म की सेवा करते रहेंगे. किसी की धमकी के बावजूद भी नही रुकेंगे.
धमकी वाले पत्र में लिखा है, हम लोग तुम्हें बर्बाद करने और तुम्हारे आश्रम को बम उड़ाने के लिये वृंदावन आये थे. हमारी डिमांड एक करोड़ रुपये की है, जिसे एक सप्ताह के अंदर देना होगा. हम लोग यह नहीं चाहते कि आपके माता-पिता गुरु-बेटा या आपके ऊपर मौत की मुहर लगे. आपके पंडाल में 40-50 लोगों की मौत हो. भारत में आपका नाम मिट जाए. यह सब आपके हाथ में है. जब आप इंदौर में कथा सुना रहे होगे, जब आपके पास अपनी फैमली के अशुभ समाचार आएंगे तो आपके पास पछताने के लिए कुछ नहीं रहेगा.
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