न्यूयॉर्क। हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी बोइंग के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर सामने आई है। बताया जा रहा कि कंपनी ने अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला लिया है। इसके पीछे का कारण कारोबार में लगातार जारी दबाव और कर्मचारियों की हड़ताल से बढ़ता नुकसान है।
कंपनी के इस फैसले से लगभग 17 हजार कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। बोइंग के इस फैसले से उसके उत्पादन में भी देरी होगी। मुख्य कार्यकारी केली ऑर्टबर्ग ने ईमेल के जरिए कहा, वैश्विक स्तर पर होने वाली इस छंटनी में हर स्तर के कर्मचारी, जिसमें एग्जीक्यूटिव, मैनेजर और कर्मचारी सभी शामिल होंगे।
यहां तक कि बोइंग ने अपने हथियार और सैन्य उपकरण बनाने वाले व्यापार में भी घाटे की चेतावनी दी है। साथ ही कंपनी ने अपने नए जहाज 777एक्स की डिलिवरी तारीखों को भी आगे बढ़ा दिया है। इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ मशीनिस्ट्स एंड एयरोस्पेस वर्कर्स के बोइंग कर्मचारियों ने अनुबंध प्रस्ताव को भारी बहुमत से अस्वीकार कर 13 सितंबर को काम छोड़ दिया।
कंपनी फिलहाल करीब 33 हजार कर्मचारियों की हड़ताल से जूझ रही है जो बीते तीन हफ्ते से जारी है। इससे कामकाज पर बुरा असर पड़ा है। इस हड़ताल का असर कंपनी के सबसे ज्यादा बिकने वाले विमानों के उत्पादन पर भी देखने को मिला है। कर्मचारी की यूनियन 14 सितंबर से हड़ताल पर हैं। कंपनी और यूनियन के बीच बातचीत का भी कोई हल नहीं निकला है।
स्थिति ये है कि पिछले महीने ही बोईंग नेशनल लेबर रिलेटेड बोर्ड के सामने यूनियन के खिलाफ अर्जी देकर शिकायत की है कि यूनियन हितों की अनदेखी करते हुए अड़ियल रवैया अपना रही है। बोइंग ने कहा कि हड़ताल के कारण तीसरी तिमाही में उसके वाणिज्यिक विमानन परिणामों पर पूर्व कर तीन अरब डॉलर का बोझ पड़ा, जो प्रति शेयर 9.97 डॉलर के अनुमानित नुकसान का एक हिस्सा है।
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