img-fluid

निकाय चुनाव ‘माननीयों’ की अग्रिपरीक्षा

July 04, 2022

  • लोकसभा-विधानसभा क्षेत्र में पाटी प्रत्याशी की जीत-हार से तय होगा भविष्य
  • सांसदों और विधायकों की सक्रियता के आधार पर बनेगी परफॉरमेंस रिपेार्ट

भोपाल। प्रदेश में हो रहे पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। खास बात यह है कि दोनों पार्टियों ने अपने माननीयों (सांसद-विधायक)को मोर्चे पर तैनात कर दिया है। साथ ही निर्देशित किया है की चुनाव में सक्रियता और पार्टी प्रत्याशी की जीत-हार के आधार पर उनका राजनीतिक भविष्य तय किया जाएगा। इसलिए निकाय चुनाव माननीयों के लिए अग्रिपरीक्षा बने गया है। आलम यह है की अपनी परफॉरमेंस बेहतर करने के लिए अधिकांश माननीय अपने-अपने क्षेत्र में रात-दिन पसीना बहा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव को मिशन 2023 की तरह लड़ रही हैं। दोनों पार्टियों को मालुम है की निकाय चुनाव के परिणाम से विधानसभा चुनाव का रास्ता निकलेगा। इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी देकर चुनावी मोर्चे पर तैनात कर दिया है। साथ ही निर्देश हैं कि पार्टी को जीत के अलावा और कुछ स्वीकार नहीं है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी अपने विधायकों को साफ-साफ शब्दों में कह दिया है की प्रत्याशी की जीत और क्षेत्र में उनकी सक्रियता पर उनका राजनीतिक भविष्य तय होगा। इसलिए चुनावी मैदान में दोनों पार्टियों की सक्रियता देखी जा रही है।

जीत से कम मंजूर नहीं
भाजपा ने अपने सांसदों और विधायकों को जीत का टारगेट देकर मोर्चे पर तैनात कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सांसद और विधायकों से कहा कि आपको अपना पूरा परफॉर्मेंस देना होगा। इस पर ही सांसद और विधायकों का भविष्य तय होगा। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ कहा है कि जीत से कम कुछ मंजूर नहीं है। प्रदेश में पिछली बार भाजपा ने ही सभी 16 महापौर की सीट पर जीत तय की थी। इस बार भाजपा के सामने अपने सभी सीटों को दोबारा जीतने की चुनौती है। ऐसे में प्रदेश के कई नगर निगमों में कांग्रेस प्रत्याशियों की स्थिति मजबूत होने का फीडबैक सामने आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी संगठन ने चुनाव में सक्रियता और बढ़ा दी है। साथ ही संगठन स्तर पर भी पार्टी नेताओं, जनप्रतिनिधियों को सक्रिय होने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।


चुनाव के आधार पर तैयार होगा विधायकों का रिपोर्ट कार्ड
उधर कांग्रेस ने भी अपने विधायकों को टारगेट थमा दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने साफ-साफ कह दिया है कि चुनाव के आधार पर विधायकों का रिपोर्ट कार्ड तैयार होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर मप्र कांग्रेस कमेटी नगरीय निकाय चुनाव से अपने विधायकों के परफॉरमेंस का ऑडिट करा रही है। जिसका असर अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण पर पड़ेगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अपनी सभी जिला इकाइयों को परिपत्र जारी किया है इस परिपत्र के जरिए निकाय चुनाव में संबंधित विधायकों को परफॉरमेंस का लेखा जोखा मांगा गया है। पत्र में विधायकों द्वारा अपने समर्थकों को निकाय चुनाव में दिलाए गए टिकटों की में संख्या, उन्हें चुनाव में मिले वोट, उनकी हार- जीत, पिछले निकाय चुनाव में उन्हीं विधायकों द्वारा दिलाए गए पार्षदों के टिकटों की संख्या, उन्हें मिले वोटों की संख्या आदि को जानकारी मांगी गई है। चुनाव परिणाम आने के बाद जिला इकाइयों से निकायवार जानकारी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजी जाएगी। इस जानकारी के विश्लेषण से पता चलेगा कि विधायकों ने अपने जिन समर्थकों को टिकट दिलाए हैं, उनमें से कितने लोग हारे और कितने जीते। इससे विधायकों की शहरी क्षेत्रों में जनता के बीच पैठ का पता चलेगा। जिन विधायकों का निकाय चुनाव में अच्छा परफॉरमेंस नहीं रहेगा उन्हें फील्ड में और अधिक मेहनत करने को कहा जाएगा। कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि यदि इसके बाद भी विधायक अपने कामकाज में सुधार नहीं लाते हैं, तो उनका टिकट खतरे में पड़ सकता है।

विधायकों को परफॉर्मेंस सुधारने का मौका
गौरतलब है कि हाल में कमलनाथ ने अपने विधायकों का सर्वे कराया था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 88 विधायकों में से 27 विधायकों का कामकाज संतोषजनक नहीं पाया गया। इनमें एक दर्जन पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। कमलनाथ ने इन विधायकों को रिपोर्ट के आधार पर उनकी जमीनी हकीकत बताते हुए उनसे अपने क्षेत्र में सक्रिय होने को कहा है। इसके बाद अधिकतर विधायकों ने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। दरअसल, नगरीय निकाय चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफायनल के रूप में देखा जा रहा है। पूर्व सीएम कमलनाथ निकाय चुनाव की अहमियत भली-भांति समझते हैं। यहीं वजह है कि टिकट वितरण से लेकर चुनाव संबंधी अन्य फैसले वे खुद ले रहे हैं। कमलनाथ अपने विधायकों से कह चुके हैं कि उन्होंने अपने समर्थकों को पार्षद पद का टिकट तो दिला दिया, लेकिन उन्हें जिताने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। विधायक परफॉर्म नहीं करते हैं, तो अगले चुनाव में विधायकों का टिकट खतरे में पड़ सकता है। यहीं वजह है कि अपने समर्थकों को चुनाव जिताने के लिए अधिकतर विधायकों ने पूरी ताकत झोंक रखी है। मप्र कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ विधायकों को अधिक से अधिक पार्षद जिताने के निर्देश दे चुके हैं उनके निर्देशानुसार जिला कांग्रेस कमेटी यों को परिपत्र भेजे गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश के 16 नगर निगमों में पिछली बार कांग्रेस का एक भी मेयर प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता था। इस बार कांग्रेस ने सभी नगर निगमों में मेयर के पद पर दमदार चेहरे चुनाव मैदान में उतारे हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि उसके कम से कम आधा दर्जन महापौर चुने जाएंगे, जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा।

Share:

आज थमेगा नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार

Mon Jul 4 , 2022
6 जून को 133 नगरीय निकाय क्षेत्रों में होगा मतदान भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 जुलाई को होगा। इस चरण में 133 नगरीय निकायों में वोट डाले जाएंगे। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, खंडवा, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, उज्जैन, सागर, सिंगरौली, सतना नगर निगम में पहले चरण में चुनाव होंगे। इसलिए […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
मंगलवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved