
40 फीसदी उत्तरपुस्तिकाएं जांचीं, स्कूल शुरू होने से परेशानियां बढ़ीं
इंदौर। नया शैक्षणिक (New academic) सत्र शुरू हो गया है। स्कूलों (Schools) में कक्षाएं भी लग रही हैं। वहीं हाईस्कूल (High School) और हायर सेकंडरी (Higher Secondary) के शिक्षक इसलिए परेशान हैं कि उन्हें मूल्यांकन के लिए जाना है, इसलिए स्कूल में समय नहीं दे पा रहे हैं। मूल्यांकन केंद्र पर तीन सप्ताह में सभी उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का दबाव बना हुआ है।
पिछले शैक्षणिक सत्र में परीक्षाएं समय से पहले करा ली गई थीं। बोर्ड परीक्षाएं जल्दी हो जाने से मूल्यांकन भी मार्च के दूसरे सप्ताह के आखिर में शुरू हो गया था । 13 मार्च को शुरू हुए एमपी बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन में शुरुआती रफ्तार धीमी रही। होली, रंगपंचमी और अन्य छुट्टियों के चलते सांकेतिक रूप से ही काम हो पाया। दूसरे दौर का मूल्यांकन 6 अप्रैल से शुरू हुआ। इसमें थोड़ी रफ्तार जरूर रही, लेकिन आवश्यकता से कम ही काम हो रहा है। अभी तक प्रदेश में 40 फीसदी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो पाया है। इंदौर में मूल्यांकन प्रभारी बबिता आरोही ने बताया कि कक्षा 10वीं में 149121 और कक्षा 12वीं में 103417 उत्तरपुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए अभी तक प्राप्त हुई हैं। इनमें से 10वीं की तकरीबन 41000 और कक्षा 12वीं की 55000 का ही मूल्यांकन हो पाया। ऐसी ही स्थिति प्रदेश की भी है। कई जिले तो और ज्यादा पिछड़े हुए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग लगातार मूल्यांकन पर नजर बनाए हुए है और इसकी रफ्तार बढ़ाने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं, ताकि अगले तीन सप्ताह में महीने के आखिर तक परीक्षा परिणाम जारी कर सके।