नागदा। उद्योगों में श्रमिकों की कमी को लेकर भामसं लड़ाई लड़ रहा है, जबकि अन्य यूनियनों वर्तमान संख्या पर ही राजी हो गई है। यदि वर्तमान संख्या के अनुसार समझौता किया तो उद्योग में सिर्फ 6 श्रमिक ही स्थाई होंगे। हमारा उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा ठेका श्रमिकों को स्थाई करने का है।
यह बात भारतीय मजदूर संघ के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए असंगठित कामगार बोर्ड के अध्यक्ष सुल्तानसिंह शेखावत ने कही। उन्होंने कहा पूंजीपतियों ने कोरोनाकाल का फायदा उठाया और श्रमिकों को घर बैठा दिया। अब कोरोनाकाल खत्म होने के बाद भी श्रमिकों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है। ठेका श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए भामसं आंदोलन की राह पर होगी। संगठन से जुड़े रहने के कारण केमिकल डिवीजन और आर्केमा में ठेका श्रमिक स्थाई हुए हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ भामसं के संस्थापक दंत्तोपंत ठेगड़ी व भगवान विश्वकर्मा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर जोधसिंह राठौड़, सत्यनारायण शर्मा, दशरथसिंह तंवर, बसंतसिंह रघुवंशी, राजकुमार सिसौदिया, बालकिशन धौलपुरे, रामलाल पंड्या, मधु नायर भी मंचासीन थे। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त कर्मचारियों का स्वागत किया गया। संचालन अशोक गुर्जर ने किया।
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