मुंबई। मानसून की शुरुआत (onset of monsoon) होते ही मुंबई (Mumbai) में जलभराव और सड़कों पर गड्ढों के कारण ट्रैफिक की समस्या होना आम है. एक लंबा वक्त बीत जाने के बावजूद रास्तों के गड्ढे और जलभराव (potholes and water logging) की समस्या खत्म नहीं हुई है. इन सबके बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने करीब दो दशकों में मुंबई की सड़कों के गड्ढे भरने में 21000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि इतनी बड़ी रकम खर्च करने के बावजूद मुंबई की सड़कें खस्ताहाल हैं.
बीजेपी विधायक द्वारा दायर सूचना के अधिकार (RTI) के जवाब में बताया गया है कि 1997 से अब तक बीएमसी ने सड़कों की मरम्मत, निर्माण और गड्ढों को भरने के लिए 21,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. 2013 से 2014 के बीच सिर्फ एक साल में सबसे ज्यादा 3,201 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. उल्लेखनीय है कि कुछ साल पहले भी मुंबई में रोड स्कैम सामने आया था जिससे बीएमसी के खर्च पर साल 1997 से अब तक बीएमसी ने सड़कों की मरम्मत, निर्माण और गड्ढों को भरने के लिए 21,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. 2013 से 2014 के बीच सिर्फ एक साल में सबसे ज्यादा 3,201 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
साटम ने कहा कि बीएमसी के अपने सड़क विभाग ने 1997 से अब तक 21,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि खराब सड़कें इस शहर की सबसे विकट समस्याओं में से है, फिर भी दशकों से उनकी स्थिति नहीं बदली है. इसके कई कारण हैं, एक कई यूटिलिटी एजेंसियों और बीएमसी के बीच समन्वय की कमी है. जब कोई नई सड़क बनाई जाती है, तो अगले ही साल उसे केबल बिछाने के लिए खोदा जाता है.
बीएमसी और शिवसेना पर लगे इन आरोपों के जवाब में शिवसेना ने पलटवार करते हुए कहा कि जब वे 25 साल साथ में थे तब यह गड्ढे क्यों नजर नहीं आए और अब बीएमसी चुनाव के पहले बीजेपी गड्ढों के मुद्दे पर राजनीति करने की बात कह रही है.
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