मुंबई । बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने कानून और व्यवस्था की स्थिति (Law and Order Situation) का हवाला देते हुए (Referring) उद्धव और शिंदे दोनों गुटों को (Both Uddhav-Shinde Factions) मुंबई के शिवाजी पार्क में (In Shivaji Park Mumbai) 5 अक्टूबर (5 October) को वार्षिक दशहरा रैली के लिए (For Annual Dussehra rally) अनुमति देने से इनकार कर दिया (Denies Permission) । नगर आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने गुरुवार को इस खबर की पुष्टि की।
नागरिक निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि स्थानीय पुलिस स्टेशन ने बीएमसी को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा है कि अगर किसी एक धड़े को रैली की अनुमति दी जाती है तो रैली के दिन दोनों गुटों के बीच राजनीतिक टकराव की संभावना हो सकती है। इसलिए एहतियात के तौर पर दोनों गुटों को अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है। दशहरा रैली शिवसेना द्वारा आयोजित सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और 1966 में पार्टी के गठन के बाद से ही यह रैली शिवाजी पार्क मैदान में आयोजित की जा रही है। ऐसा इसलिए भी होता है, क्योंकि यह क्षेत्र शिवसेना भवन के करीब है और इसे पार्टी का मुख्य गढ़ भी माना जाता है।
इस वर्ष शिवसेना में टूट के बाद शिवाजी पार्क में रैली करने के लिए एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों गुटों ने अनुमति मांगी थी। ठाकरे परिवार ने अनुमति के लिए बंबई उच्च न्यायालय का भी रुख किया, वहीं शिंदे गुट को पिछले हफ्ते बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में रैली करने की अनुमति मिली है। अधिकारियों ने कहा कि दादर के पूरे मोहल्ले में नौ सितंबर को गोलीबारी की घटना के बाद तनाव की स्थिति है और स्थानीय पुलिस अधिकारी इस क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को खतरे में नहीं डालना चाहते हैं।
दादर विधायक सदा सर्वंकर को लिखे पत्र में बीएमसी जी/नॉर्थ वार्ड कार्यालय ने कहा कि दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति शिवसेना के दो विरोधी गुटों ने मांगी थी और स्थानीय निकाय अधिकारियों के लिए यह संभव नहीं होगा कि वे रैली स्थल पर जमीन को दो अलग-अलग हिस्सों में विभाजित कर सकें। इसलिए एहतियात के तौर पर दोनों गुटों को रैली के लिए मना कर दिया गया है।
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