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रक्‍त चंदन के बीज से हो सकता है स्‍तन कैंसर का इलाज

September 04, 2020


ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जिससे आज हम 10 में से 8वीं महिला ग्रस्त हैं। हालांकि अगर सही समय पर पता चल जाए तो जान बचाई भी जा सकती है लेकिन बावजूद इसके भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी यह बीमारी देखने को मिलती है लेकिन महिलाओं से कम। यही वजह है कि वैज्ञानिक ब्रेस्ट कैंसर के लिए नई-नई दवा खोजते रहते हैं। हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया कि रक्त चंदन यानि लाल चंदन के बीज स्तर कैंसर के इलाज में कारगार साबित हो सकते हैं।
लाल चंदन से होगा ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
शोध के मुताबिक, लाल चंदन के बीजों में एंटी-इंफ्लामेटरी, कैंसर रोधी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर से बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं। यह शोध चूहों पर किया गया है कि जिसमें ट्यूमर में काफी कमी देखी गई। नई रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में 23.45 फीसदी (87,090) महिलाओं की मृत्यु कैंसर से हुई थी, जिसमें 27.7% मामले ब्रेस्ट कैंसर के थे।

कैसे फैलता है ब्रेस्ट कैंसर?

जब कोशिकाओं की असामान्य रूप से शरीर के किसी भी हिस्से में बढ़ने लगती है तब वह धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेती हैं। वहीं, स्तन में छोटे-छोटे टिशू व कोशिकाएं जमा होने के कारण ब्रेस्ट कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है।
किन महिलाओं को अधिक खतरा

-गर्भनिरोधक गोलियों का अधिक सेवन

-मोनोपॉज के बाद हार्मोन रिप्लेसमेंट

-12 साल की उम्र से पहले ही पीरियड्स आना

-30 साल की उम्र के बाद प्रैग्नेंट होना

-बर्थ कंट्रोल पिल्स का अधिक सेवन
-पीरियड्स 55 की उम्र के बाद ही बंद हो जाना

-बॉडी में जनेटिक बदलाव के कारण

रक्तचंदन का इस्तेमाल कैसे करें?

रक्त चंदन ज्यादातर दक्षिणी भारत में पाया जाता है। अगर आप किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से करें। रक्त चंदन का 3-5 ग्राम चूर्ण और 20-40 मि.ली. काढ़ा लेना भी फायदेमंद रहेगा। वहीं, इसके अंतकाष्ठ, पत्ता, छाल और फल भी आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते हैं।

रक्तचंदन का अन्य फायदे

1. माइग्रेन, दिनभर की थकान और सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो रक्त चंदन को पीसकर दूध में मिलाकर माथे पर लगाएं। इससे आपको आराम मिलेगा।

2. दिनभर कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटाप का इस्तेमाल करने की वजह से छोटी उम्र में ही चश्मे लग रहे हैं। ऐसे में लाल चंदन, जल, शहद, घी या तैल में घिसकर आंखों में लगाएं। इससे आंख दर्द, सूजन, मोतियाबिंद जैसी समस्याएं दूर रहेंगी।

3. लिकोरिया यानि व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या है तो लाल चंदन के पत्ते या छाल का काढ़ा बनाकर पीएं। इससे बवासीर में भी फायदा होता है।

4. इसके अलावा डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, शुगर को कंट्रोल करने में भी यह काफी फायदेमंद है। इसका काढ़ा वायरल फीवर में भी फायदेमंद होता है।

5. लाल चंदन में कच्चा दूध मिक्स करके चेहरे पर लगाएं। इससे पिंपल्स, मुंहासे, झुर्रियां, झाइयां जैसी समस्याएं दूर रहेंगी।

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