भोपाल। चुनाव में काला धन मामले में सीबीडीटी रिपोर्ट पर कार्रवाई की जानकारी देने के लिए आज मुख्य सचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव केंद्रीय चुनाव आयोग में पेश होंगे। आयोग ने पिछले महीने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर सीबीडीटी रिपोर्ट पर कार्रवाई का ब्यौरा देने के लिए पांच जनवरी को उपस्थित होने को कहा था। हालांकि सरकार ने अभी तक सीबीडीटी रिपोर्ट के आधार पर किसी भी अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई है, लेकिन जिन नेताओं के नाम रिपोर्ट में है उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। इनमें सरकार के तीन मंत्री भी शामिल हैं। जो कमलनाथ सरकार में मंथली लेते थे। राज्य शासन मामला आर्थिक अपराध अन्वेक्षण ब्यूरो को सौंप कर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दे चुका है। आयोग के समक्ष इसके बारे में पूरा ब्यौरा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद कालेधन के लेन-देन मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग के उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मप्र सरकार के मुख्य सचिव को 5 जनवरी को दिल्ली तलब किया था। इससे पहले आयोग ने 16 दिसंबर 2020 को मुख्य सचिव को भेजे पत्र में यह साफ कर दिया था कि केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड की जो रिपोर्ट भेजी गई है, उसी संबंध में बात होगी। मप्र को बताना होगा कि वह आगे क्या कार्रवाई करेगा?
रिपोर्ट में 64 विधायकों के नाम, 13 बीजेपी में शामिल
सीबीडीटी की रिपोर्ट में तत्कालीन कमलनाथ सरकार के मंत्री सहित 64 विधायकों के नाम हैं। इनमें से 13 विधायक रिपोर्ट आने से पहले बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। बीजेपी के 13 में से 8 विधायक (इसमें से दो प्रद्युमन सिंह तोमर और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव मंत्री भी हैं) सिंधिया समर्थक हैं। रिपोर्ट में सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम नहीं है।
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