उज्जैन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद पिछले महीने तक उज्जैन जिले में ब्लैक फंगस के 200 के लगभग मामले सामने आ गए थे लेकिन अब तेजी से कोरोना की तरह ब्लैक फंगस संक्रमण का खात्मा भी जिले से होता दिखाई दे रहा है। जिला अस्पताल में अब इस बीमारी के 7 मरीज ही बचे हैं। आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भी 115 मरीजों में से अब 5 मरीज ही रह गए हैं।
उज्जैन जिले में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान 12 मई से ब्लैक फंगस के मरीजों का मिलना शुरु हो गया था। शुरुआती दौर में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में इसके उपचार और ऑपरेशन के लिए 50 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया था। बाद में मरीज बढऩे पर मई महीने के अंत तक यहाँ 110 से ज्यादा मरीज भर्ती हो गए थे। इनके उपचार और ऑपरेशन के लिए तभी से वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. सुधाकर वैद्य और उनके सहयोगी 14 लोगों की टीम लगी रही थी। इधर मामले बढऩे के बाद जिला अस्पताल में भी ब्लैक फंगस के मरीजों का उपचार शुरु करना पड़ा था। जिला अस्पताल के तीन वार्डों में ब्लैक फंगस के मरीजों को रखकर उपचार किया जा रहा था। जिला अस्पताल और आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में जून महीने के अंत तक करीब-करीब सभी बेड ब्लैक फंगस के मरीजों से भरे हुए थे। इस दौरान एंटी फंगल इंजेक्शन की कमी के बीच शासन द्वारा भी सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही इनकी कम कीमत पर सप्लाय हो रही थी।
आरडी गार्डी में 115, जिला अस्पताल में 67
आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुधाकर वैद्य के अनुसार उनके यहाँ अभी तक 115 के लगभग ब्लैक फंगस मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। इनमें से 110 मरीजों की सर्जरी कर ब्लैक फंगस निकाली गई। इसके बाद अब जाकर मेडिकल कॉलेज में इस बीमारी के सिर्फ 5 मरीज ही रह गए हैं। पिछले 15 दिनों से नए मरीज भी आना बेहद कम हो गए हैं। 100 से ज्यादा मरीजों की उपचार के बाद ठीक होने पर छुट्टी की जा चुकी है। इधर जिला अस्पताल में एक महीने पहले तक ब्लैक फंगस के 67 मरीजों को भर्ती किया गया था। इनमें से अब यहाँ केवल 7 मरीज ही रह गए हैं।
21 इंदौर रैफर, एफ वार्ड बंद किया
जिला अस्पताल में अब तक भर्ती हुए ब्लैक फंगस के 67 मरीजों में से 20 मरीजों को इंदौर रैफर किया गया था, इसके अलावा ठीक होने पर 40 की छुट्टी की जा चुकी है। इसके बाद अब यहाँ सिर्फ 7 मरीज ही रह गए हैं। शुरुआत में जिला अस्पताल में इस बीमारी के उपचार के लिए एफ वार्ड के अलावा 2 अन्य वार्डों में मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई थी। मरीज कम होने पर अब एफ वार्ड ब्लैक फंगस के मरीजों से खाली होने के बाद इसे ताला लगा दिया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved