मुंबई। कोरोना (Corona) महामारी के बीच देश में ब्लैक फंगस (Black fungus) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देशभर में ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 8848 हो गई है। मरीजों के इलाज के लिए अम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) की 23,680 वॉयल अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जरूरत के अनुसार भेजी गई है।
कोरोना महामारी से महाराष्ट्र (Maharastra) सबसे अधिक प्रभावित है, लेकिन ब्लैक फंगस का कहर फिलहाल गुजरात (Gujrat) पर दिख रहा है। गुजरात में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 2281 हो गई है, जबकि महाराष्ट्र में करीब 2100 मरीज हैं।
रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा (Chemicals and Fertilizers Minister Sadanand Gowda) ने शनिवार को बताया कि ब्लैक फंगस से सबसे अधिक प्रभावित गुजरात को अम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन की कुल 5800 वॉयल दी गई हैं। महाराष्ट्र को 5090 वॉयल दी गई हैं।
इसी तरह, आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) को 910 मरीजों के लिए 2300 वॉयल जबकि पड़ोसी राज्य तेलंगाना में 350 मरीजों के लिए 890 वॉयल का आवंटन किया गया है। दिल्ली में 197 मरीजों के लिए इंजेक्शन के 670 वॉयल दिए गए हैं। ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले को देख अब देश की ग्यारह फार्मा कंपनियां इंजेक्शन और दूसरी एंटी फंगल दवाएं बना रही हैं।
इंजेक्शन भेजे, तब तक बढ़ गए मरीज
केंद्र सरकार ने जो आंकड़ा बताया है, उसकी तुलना में राज्यों में मरीजों की संख्या अधिक है। केंद्र के अनुसार दिल्ली में 197 मरीजों का इलाज जारी है। हकीकत ये है कि दिल्ली के आठ अस्पतालों में 228 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं।
एम्स के दिल्ली और झज्जर परिसर में 90, अपोलो में 25, मैक्स में 30, गंगाराम अस्पताल में 55, मणिपाल में 13, आकाश अस्पताल में पांच और फोर्टिस वसंतकुंज अस्पताल में 10 मरीज भर्ती हैं। दिल्ली सरकार के अधीन 33 अस्पतालों की जानकारी इसमें नहीं है।
दरअसल, केंद्र ने पुराने आंकड़े के आधार पर इंजेक्शन भेजे, तब तक मरीज बढ़ गए। इसीलिए केंद्र और राज्य के आंकड़े में अंतर दिख रहा है।
केंद्र के अनुसार गुजरात में सबसे अधिक दो हजार मरीज हैं। वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे कह चुके हैं कि कुल मरीजों की संख्या 2500 है और 90 की मौत हो चुकी है, जबकि केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में दो हजार मरीज हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से जीवन रक्षक इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ गई है। भारत में अभी एक महीने में करीब एक लाख इंजेक्शन उत्पादन की क्षमता है।
राज्य | मरीज | वॉयल |
मध्य प्रदेश | 720 | 1830 |
राजस्थान | 700 | 1780 |
कर्नाटक | 500 | 1270 |
हरियाणा | 250 | 640 |
उत्तर प्रदेश | 112 | 380 |
पंजाब | 95 | 320 |
छत्तीसगढ़ | 87 | 300 |
बिहार | 56 | 190 |
दावा : 13 राज्यों में ब्लैक फंगस नहीं
देश के 13 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं, जहां ब्लैक फंगस के केस नहीं है। केंद्र के आंकड़ों के अनुसार अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पुडुचेरी और सिक्किम में एक भी केस नहीं है।
पुणे में ब्लैक फंगस के 353 केस
कोरोना के साथ ब्लैक फंगस के मामले पुणे में तेजी से बढ़ रहे हैं। शनिवार को जिला प्रशासन ने बताया कि पुणे में ब्लैक फंगस के कुल मरीजों की संख्या 353 हो गई है, जबकि अब तक 20 मरीजों की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है, 300 मरीजों के लिए 1800 इंजेक्शन की रोज जरूरत होती है लेकिन पर्याप्त मात्रा में इंजेक्शन न मिलने से इलाज प्रभावित हो रहा है।
पश्चिम बंगाल महिला की मौत
केंद्र के अनुसार पश्चिम बंगाल में ब्लैक फंगस का एक मरीज है, जबकि राज्य सरकार का कहना है कि अभी पांच मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को कि ब्लैक फंगस की चपेट में आकर शंपा चक्रवर्ती (32) की शुक्त्रस्वार को मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जिन पांच मरीजों का इलाज चल रहा है, वो बिहार और झारखंड के हैं।
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