भोपाल । कोरोना से बुरी तरह प्रभावित महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस (Black fungus) के सबसे अधिक मामले मिलने के बाद अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में हालात बेकाबू हो गए हैं। राज्य में ब्लैक फंगस के अब तक 573 मामले सामने आए हैं। इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन (Injection) नहीं मिलने से मुश्किल और बढ़ गई है। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के 2,000 से अधिक केस मिले हैं और अब तक 52 मौतें हुई हैं।
मामले बढ़ने के साथ ही अम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन का संकट गहराया
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने महामारी के बीच ब्लैक फंगस की भयावह स्थिति को देख टास्क फोर्स का गठन किया है। टास्क फोर्स राज्य में ब्लैक फंगस के इलाज की व्यवस्था करने के साथ इलाज में इस्तेमाल होने वाले अम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन (Amphotericin-B Injection) की कालाबाजारी रोकने का काम करेगी। सरकार जरूरत के हिसाब से सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को इंजेक्शन मुहैया कराएगी। उधर, महाराष्ट्र में अब तक 90 लोगों की फंगस से मौत हो गई है।
हरियाणा में 177 केस, 10 की मौत
हरियाणा में ब्लैक फंगस के अब तक 177 के सामने आ चुके हैं। विभिन्न जिलों में 10 की मौत हुई है। सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए 15 मई को ब्लैक फंगस को अधिसूचित रोग घोषित कर दिया था। साथ ही इसको लेकर डॉक्टरों को प्रशिक्षण देना भी शुरू कर दिया है। 4 मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड भी आरक्षित कर दिए हैं।
इलाज में इस्तेमाल होने वाले अम्फोटेरीसिन-बी इंजेक्शन का उत्पादन प्रति माह बढ़ाकर 3.80 लाख कर दिया है। सरकार इस माह के अंत तक तीन लाख वॉयल का आयात करेगी। अन्य देशों से भी टीके खरीदने की कोशिश की जा रही है। – मनसुख मांडविया, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री
उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 48 मरीज, तीन की मौत
उत्तराखंड के ब्लैक फंगस के अब तक कुल 48 मरीज मिले हैं। इनमें से तीन की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 39 मरीजों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है। एम्स में अब तक आए कुल 42 मरीजों में 21 यूपी और 21 उत्तराखंड के विभिन्न शहरों के हैं। वहीं एक मरीज देहरादून और 4 मरीज कुमाऊं के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
दिल्ली : हफ्ते भर में 300 केस
दिल्ली में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में तकरीबन 300 मरीज मिले हैं। एम्स में 80 मरीज हैं। एम्स दिल्ली में हर दिन 20 मरीज कम से कम सामने आ रहे हैं। राज्य में अम्फोटरीसिन-बी इंजेक्शन की भारी किल्लत है। गुरुग्राम के अस्पतालों में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। फरीदाबाद में 18 मरीज मिले हैं। गौतमबुद्धनगर में 14 मरीज भर्ती हैं।
एम्स पटना में 22 मरीजों का इलाज
पटना एम्स में ब्लैक फंगस के 22 मरीजों का इलाज चल रहा है। पटना एम्स में ब्लैक फंगस के लिए अलग अलग से 20 बेड का वार्ड बनाया गया है और वार्ड को आरक्षित कर दिया गया है। कोविड नोडल अफसर डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि 10 और मरीजों में लक्षण दिखे हैं जिन्हें भर्ती करने की तैयारी चल रही है। अभी 22 मरीजों में से 2 मरीजों का ऑपरेशन किया गया है जबकि 3 मरीजों में फंगस मस्तिष्क तक पहुंच गया है। इसी तरह बेटिहा मेडिकल कॉलेज के एक डॉक्टर की भी हालत गंभीर बनी हुई है।
गुजरात : करीब 1200 मरीज पर अम्फोटरीसिन का संकट
ब्लैक फंगस के करीब 1200 मरीज गुजरात के 5 शहरों के 8 अस्पताल में भर्ती हैं। राज्य में मरीजों की तादाद अधिक होने से अम्फोटरीसिन इंजेक्शन का संकट गहराने लगा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उसने 15 करोड़ की लागत से इंजेक्शन की 1,24,430 बॉयल का आर्डर दिया है। उसमें से दो हजार बोयल ही मिल पाए हैं।
केरल, राजस्थान और ओडिशा में हाल बेहाल
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस के कारण केरल, राजस्थान और ओडिशा में भी स्थिति में बेपटरी होने लगी है। केरल में ब्लैक फंगस के सात मामले सामने आ चुके हैं। तेलंगाना में भी इस संक्रमण से जूझ रहे मरीजों की संख्या 70 के करीब है। राजस्थान में ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मामले हैं। इसी तरह असम की राजधानी गुवाहाटी में एक मामला सामने आया है।
ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षण, अलग सेंटर
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के मरीजों का ऑपरेशन करने के लिए नाक-कान और गला रोग विशेषज्ञ के 100 डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं कर्नाटक सरकार ने ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए बंगलुरू के बाउरिंग अस्पताल में अलग केंद्र खोलने का ऐलान किया है।
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