मुंबई: देश में कई राज्यों ने ब्लैक फंगस (Black fungus) को महामारी घोषित कर दिया है. लेकिन, अभी तक इस बीमारी की दवा बाजारों में उपलब्ध नहीं है और बीमार मरीजों के परिजन इस दवा की तलाश में शहर-शहर, राज्य-राज्य भटक रहे हैं. परेशान लोग खेत बेचकर, उधार लेकर दवा के लिए पैसों का कर रहे हैं. सरकारों के लिए शर्म की बात है कि अभी ब्लैक फंगस की दवा ना तो ठीक से सरकारी अस्पतालों में मिल पा रही है और ना ही प्राइवेट अस्पतालों में.
सरकार से लगाई गुहार
परिजनों को अपने मरीज के मरने का डर सता रहा है. मुंबई (Mumbai) में ऐसे ही कुछ लोगों से हमारी बात हुई जिनके परिवार के लोग ब्लैक फंगस की बीमारी से लड़ रहे हैं और परिवार के लोग दवा ढूंढ रहे हैं, जो मिल नहीं रही. मरीजों के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार उनके घर के उन मरीजों को समय रहते बचा ले और जल्द से जल्द ब्लैक फंगस की दवा उपलब्ध करा दे.
बाजार में मिल ही नहीं रही है दवा
जलगांव के एक परिवार से हमारी मुलाकात हुई उन्होंने बताया कि उनके परिवार में एक शख्स को ब्लैक फंगस हुआ है. इलाज के लिए उन्होंने अपने खेत तक बेच दिए हैं क्योंकि वो पेशे से किसान हैं. लेकिन, अभी तक उनका इलाज नहीं हो पा रहा. क्योंकि ब्लैक फंगस के लिए जो दवा चाहिए वो बाजार(market) में मिल ही नहीं रही है. इस परिवार ने भी सरकार से अपील है कि वो प्राइवेट अस्पतालों को भी ब्लैक फंगस की दवा उपलब्ध कराएं ताकि प्राइवेट अस्पतालों में जो मरीज भर्ती हैं उनकी भी जान बचाई जा सके.
लोग निराश हैं
मुंबई के अस्पतालों में कुछ और ऐसे परिवार हैं जिनके मरीज ब्लैक फंगस से लड़ रहे हैं. लेकिन उनके परिवार वाले निराश हैं क्योंकि इसके इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा उन्हें नहीं मिल पा रही है. मरीज और उनके परिजन निराश हो रहे हैं. इन सभी परिवार वालों की सरकार से ही गुहार है कि वो जल्द से जल्द ब्लैक फंगस की दवा को उपलब्ध कराएं ताकि उनके परिवार के लोगों की जान बचाई जा सके.
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