पटना। कोरोना वायरस की तहर ब्लैक फंगस के भी अब सामान्य से हटकर लक्षण दिखने लगे हैं। बिहार की राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया। इसमें नाक से प्रवेश कर फंगस आंखों व साइनस को अधिक प्रभावित करते हुए सीधे मस्तिष्क में पहुंच गया। बिहार में यह पहला मामला है, जिसमें ब्लैक फंगस मस्तिष्क में देखा गया है। हालांकि, संस्थान के विशेषज्ञों ने मस्तिष्क की कठिन सर्जरी को सफलता पूर्वक अंजाम देते हुए क्रिकेट बॉल के बराबर ब्लैक फंगस इंफेक्शन को निकाल दिया है।
ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ राकेश ने बताया कि जमुई निवासी 60 वर्षीय अनिल कुमार को मिर्गी जैसे दौरे पड़ रहे थे। वह बार-बार बेहोश हो रहे थे और उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही थी। उन्हें यह समस्या 15 दिन से थी। पहले वह घर पर ही इसका इलाज करा रहे थे। जब स्वजन उन्हें आईजीआईएमएस लेकर आए तो जांच में पता चला कि मस्तिष्क में ब्लैक फंगस का संक्रमण है। इसके बाद निर्णय लिया गया कि उनकी सर्जरी जल्द से जल्द की जाए।
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने तीन घंटे के जटिल ऑपरेशन के बाद मरीज के दिमाग से क्रिकेट बॉल से भी बड़ा फंगस निकाला है। आंखों को क्षतिग्रस्त किए बिना ब्रेन में फंगस का जाल बनने के कारण ही मरीज को मिर्गी आ रही थी। फंगस और 100 मिलीग्राम से अधिक मवाद निकालने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को खतरे से बाहर बताया है।
सर्जरी करने वाली टीम में शामिल डॉक्टरों के मुताबिक, विगत दो सप्ताह में फंगस ने दिमाग को पूरी तरह से जकड़ लिया था। मरीज जब अस्पताल आया, तो उसकी हालत बेहद खराब थी। आमतौर पर ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंचने से पहले आंखों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन इस मरीज की आंखों पर ब्लैक फंगस का कोई बुरा प्रभाव नहीं हुआ था। इसलिए आंखों के ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ी। फंगस ने दोनों आंखों के ऊपर अपना जाल बनाया था, जिसे निकाल दिया गया। आईजीआईएमएस प्रशासन के मुताबिक, संस्थान में ब्लैक फंगस का यह अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन है।
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