भोपाल।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल शहर के पुराने इलाके में कांग्रेस विधायक के कहने पर देर रात लोगों ने अपने घरों और चौराहों पर काले झंडे लगाए। पुलिस प्रशासन और नगर निगम ने सूचना मिलते ही इन झंडों को उतरवा दिया गए है। विधायक का दावा है कि करीब दस हजार घरों पर झंडे लगाए गए थे। जिससे प्रशासन घबरा गया।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद( Arif Masood) ने कहा कि हमने कोरोना महामारी, पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दाम और लगातार बढ़ती महंगाई के खिलाफ आंदोलन स्वरूप घरों और चौराहों पर काले झंडे लहराए गए थे।इस बात से प्रशासन घबरा गया और उन्हें उतरवा दिए। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ये आंदोलन गांधीवादी तरीके से किया जा रहा था।
जानिए शहर के किस इलाकों में लगे थे झंडे
सूचना के मुताबिक, शहर के पुराने इलाके जैसे शब्बन चौराहा, जिंसी चिकलोद रोड, बरखेड़ी, छावनी, मंगलवारा, घोड़ा नक्कास, इतवारा, बुधवारा, इब्राहिम पुरा, कमला पार्क, अशोका गार्डन, पीर गेट, इमामी गेट, करोंद, शहीद नगर, शाहजहांनाबाद, कबीट पुरा, काजी कैम्प, शिवाजी नगर, साईं बाबा नगर, 12 नंबर मल्टी, साई बोट और मीरा नगर में घरों और चौराहों पर काले झंडे लगाए गए थे।
बीजेपी पर कांग्रेस एमएलए ने लगाया गंभीर आरोप
मसूद (Masood) ने सरकारी आवास पर पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ मंत्रियों और उनके लोगों द्वारा रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की बड़े पैमाने पर कालाबाज़ारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आख़िर कोई बात तो है कि दवाओं की कालाबाजारी करने वाला हर व्यक्ति भाजपा का ही होता है।उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि अब फंगस ( Black Fungus) की दवाओं की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। उनका कहना है कि अस्पतालों में कोरोना-फ़ंगस के मरीज़ों का इलाज फ्री में किया जाए। कोरोना काल के दौरान बिजली बिल माफ करने, स्कूल, कॉलेजों की फीस माफ करने, बिगड़ती स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार लाने तथा इंजेक्शन की काला बाजारी पर रोक लगाई जाए।
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