जीरे का इस्तेमाल तो हर घर में होता है लेकिन आपको शायद ये ना पता हो कि जीरा केवल खाने में तड़का लगाने के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता है, बल्कि छोटा सा जीरा कई औषधीय गुणों से भरपूर है। यहां हम सामान्य जीरे की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि बात कर रहे हैं काले जीरे की जो अधिकांश घरों में इस्तेमाल होने वाले सामान्य जीरे से स्वाद में थोड़ा अलग और कड़वाहट लिए होता है।
वजन कम करने की अचूक दवा
तीन महीने तक काले जीरे के नियमित सेवन से शरीर में जमा हुए अनावश्यक फैट घटाने में काफी सफलता मिलती है। काला जीरा फैट को गला कर अपशिष्ट पदार्थों (मल-मूत्र) के माध्यम से शरीर से बाहर निकालने में सहायक है। इस तरह यह आपको चुस्त-दुरुस्त बनाने में सहायक साबित होता है। इसमें मौजूद मूत्रवर्धक प्रभाव की वजह से भी इसका नियमित सेवन वजन कम करने में सहायक साबित होता है।
सर्दी-जुकाम, कफ में फायदेमंद –
सर्दी-जुकाम, कफ से बंद नाक के लिए काला जीरा इन्हेलर का काम भी करता है। ऐसी स्थिति में थोड़ा सा भुना जीरा रूमाल में बांध कर सूंघने से आराम मिलता है। अस्थमा, काली खांसी, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी से होने वाली सांस की बीमारियों में भी यह फायदेमंद है।
सिरदर्द व दांत दर्द में दे राहत –
काले जीरे का तेल सिर और माथे पर लगाने से माइग्रेन जैसे दर्द में लाभ होता है। गर्म पानी में काले जीरे के तेल की कुछ बूंदें डाल कर कुल्ला करने से दांत दर्द में काफी राहत मिलती है।
इम्यून विकार करे दूर
यह हमारे शरीर में मौजूद इम्यून सेल्स को स्वस्थ सेल्स में बदल कर ऑटोइम्यून विकारों को दूर करने में सहायक है। काला जीरा हमारे शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने में बोन मैरो, नेचुरल इंटरफेरॉन और रोग-प्रतिरोधक सेल्स की मदद करता है। यह थकान और कमजोरी दूर करता है, शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और उसे मजबूत बनाता है।
पेट की तकलीफ करे दूर
अपने एंटीमाइक्रोबियल गुणों के कारण काला जीरा पेट संबंधी कई समस्याओं में लाभकारी है। पाचन संबंधी गड़बड़ी, गैस्ट्रिक, पेट फूलना, पेट-दर्द, दस्त, पेट में कीड़े होना आदि समस्याओं में यह काफी राहत देता है। देर से पचने वाला खाना खाने के बाद थोड़ा-सा काला जीरा खाने से तत्काल लाभ होता है। यह कब्ज दूर कर पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।
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