इंदौर,संजीव मालवीय। इस बार कांग्रेस और भाजपा (Congress,BJP) के नेताओं पर करवाचौथ (Karwachauth) व्रत भारी पडऩे वाला है। दिनभर भूखी-प्यासी रहकर भाजपा नेताओं की पत्नी को व्रत खोलने के लिए अपने पतिदेव की शक्ल देखने को तरसना पड़ेगा। हालांकि इसका तोड़ वर्चुअली निकाल लिया गया है। वीडियो कॉलिंग (Video calling) से भाजपा नेता अपनी पत्नी का व्रत खुलवाएंगे। इस मामले में इंदौरी कांग्रेस नेता जरूर फायदे में हंै। वे इंदौर आकर पत्नी को मुंह दिखाकर फिर चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो जाएंगे। वैसे भाजपा के नेता इसे पार्टी के प्रति अपना समर्पण और चुनाव की मजबूरी बता रहे हैं तो कांग्रेसियों को एक दिन की छूट मुंह दिखाने के लिए मिल गई है। ऐसे ही कुछ इंदौरी नेताओं ने करवाचौथ (Karwachauth) पर घर से दूर रहने की व्यथा बयां की…
ठ्ठ तुलसी सिलावट (मंत्री)
पार्टी ने जो आदेश दिया है उसका पालन कर रहा हूं। चुनाव (Election) को कम समय बचा है, इसलिए पत्नी से कह दिया है कि पूजा कर लेना और फिर वीडियो कॉलिंग (Video calling) पर बात कर लेंगे। मजबूरी है, क्या कहें। परिवार के बीच नहीं जाने की टीस तो रहेगी।
ठ्ठ सज्जनसिंह वर्मा (पूर्व मंत्री)
संगठन का काम भी जरूरी है। शाम 6 बजे तक बागली विधानसभा (Bagali Assembly) में कुछ बैठकें हैं, वो निपटाकर समय पर घर पहुंचकर पूजा में शामिल हो जाऊंगा। यूं भी पत्नियों के लिए ये एक दिन रहता है, जिस दिन हमें उनके साथ रहना चाहिए।
ठ्ठ जीतू पटवारी (पूर्व मंत्री)
मैं तो अपनी पत्नी के साथ ही रहूंगा। लोग अपने-अपने घर में रहेंगे और बाहर घूमते रहेंगे तो कैसे चलेगा? दिनभर दौरा रहेगा और रात तक घर पहुंच जाऊंगा। संगठन के साथ-साथ परिवार के भाव भी मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं।
ठ्ठ जीतू जिराती (प्रदेश उपाध्यक्ष, भाजपा)
पिछले एक सप्ताह से खंडवा में हूं। प्रदेश संगठन (State Organization) ने जो जवाबदारी सौंपी है उसको पूरा कर रहा हूं। श्रीमतीजी से कह दिया कि जब चांद दिखे और पूजा हो जाए तो वीडियो कॉल लगा लेना और वर्चुअली मेरे दर्शन कर लेना।
ठ्ठ गोपीकृष्ण नेमा (पूर्व विधायक)
राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए वार-त्योहार कहां होते हैं। अब चुनाव चल रहा है और पार्टी ने यहां नेपानगर की जवाबदारी दे रखी है। कोरोना ने हमें वर्चुअल रहना सीखा दिया है और पत्नी से भी कह दिया कि कल तुम्हें मेरी अनुपस्थिति में ही व्रत खोलना होगा।
ठ्ठ उमेश शर्मा (प्रवक्ता)
जिस तरह से जंग में हर सैनिक की छुट्टी कैंसिल हो जाती है, वही स्थिति हमारी भी है। कल मैंने यहां सभा में मुख्यमंत्रीजी के सामने कहा था कि एक दिन की छुट्टी मिल जाए, ताकि करवाचौथ व्रत मनाकर हम वापस लौट आएं, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेता बंशीलाल गुर्जर ने स्पष्ट मना कर दिया।
ठ्ठ संजय शुक्ला (विधायक)
कांग्रेस संगठन (Congress Organization) के आदेश के बाद बड़वाह में लगा हुआ हूं। मैं कांगे्रस का सिपाही हूं, लेकिन परंपरा और पूजा-पाठ करना भी जरूरी है। इसलिए दिनभर का जनसंपर्क निपटाकर शाम को घर पहुंच जाऊंगा, ताकि परिवार के साथ पूजा कर सकूं।
ठ्ठ सुदर्शन गुप्ता (पूर्व विधायक)
संगठन ने चुनाव प्रचार समाप्त होने तक यहीं रहने को कहा है। फिलहाल मांधाता में हूं और यहीं रहूंगा। घर जाने का सवाल तो नहीं उठता। यह पहला ही व्रत होगा, जब पत्नी मेरी अनुपस्थिति में व्रत खोलेगी। मैं भी पूजा में वर्चुअली शामिल हो जाऊंगा।
ठ्ठ विशाल पटेल (विधायक)
यूं भी शाम 7 बजे प्रचार समाप्त हो जाता है। बड़वाह (Badwah) से इंदौर पास ही है, इसलिए रात तक तो घर पहुंच जाएंगे और परिवार के साथ पूजा-पाठ करेंगे। साल में एक ही त्योहार होता है, जब पत्नी अपने पति का इंतजार करती है। इसलिए हमारा भी फर्ज बनता है कि उनका ध्यान रखें।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved