नई दिल्ली: गुजरात में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. गुजरात में भारतीय जनता पार्टी 27 साल से सत्ता में काबिज है और इसे बरकरार रखने के लिए काफी सतर्क होकर कदम रख रही है. यही वजह है कि गुजरात में भाजपा अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप नहीं लगने देना चाहती है. भाजपा सांसदों-विधायकों की ओर से अपने परिजनों के लिए टिकट की लगातार हो रही मांग को देखते हुए भाजपा आलाकमान ने स्पष्ट कर दिया है कि गुजरात चुनाव में किसी भी सांसद या विधायक के परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं दिया जाएगा.
सूत्रों की मानें तो गुजरात चुनाव में भाजपा यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि वह परिवारवाद के खिलाफ है. यही वजह है कि भाजपा आलाकमान ने टिक मांगने वाले अपने सभी नेताओं को बता दिया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में किसी भी सांसद या विधायक के परिवार के सदस्यों को टिकट नहीं दिया जायेगा. बताया गया कि गुजरात में 30 नेताओं (सांसद-विधायक ) ने अपने परिवार के किसी ना किसी सदस्य के लिए टिकट की मांग की है.
गौरतलब है शुक्रवार को ही सांसद मनसुख वसावा ने ट्वीट करते हुए यह जानकारी साझा की थी कि उन्होंने अपनी बेटी के लिए टिकट मांगा था मगर आलाकमान ने नियम का हवाला देते हुए माना किया. वसावा ने लिखा था कि वह आलाकमान के फैसले का सम्मान करते हैं. वहीं, गोंडल से गीता बेन जडेजा ने अपने बेटे लिए टिकट मांगा था. टिकट मांगने वालों की फेहरिस्त में द्वारका से पभूबा मानेक भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने बेटे के लिए टिकट की मांग की थी. वहीं ठासरा सीट पर रामसिंह परमार ने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा है.
गुजरात में कब-कब चुनाव और नतीजे कब
दरअसल, गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीट में से 89 सीट पर 1 दिसंबर को और बाकी 93 सीट पर 5 दिसंबर को मतदान होगा. पहले और दूसरे चरण के लिए क्रमश: पांच नवंबर और 10 नवंबर को विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी. पहले और दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख क्रमश: 14 नवंबर और 17 नवंबर होगी. वहीं, 15 नवंबर और 18 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख क्रमश: 17 नवंबर (पहला चरण) और 21 नवंबर (दूसरा चरण) रखी गई है. इन चुनावों के साथ 2023 में कुछ अन्य राज्यों के चुनावों को 2024 के लोकसभा चुनावों की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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