नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से सुझाव लेगी। इसके लिए भाजपा ने सात सदस्यीय टीम बनाई है। टीम अलग-अलग राज्यों का दौरा करके मुस्लिम समुदाय में प्रतिनिधियों की नियुक्ति करेगी। साथ ही संशोधन विधेयक को लेकर मुस्लिम विद्वानों चर्चा करेगी। साथ ही उनके सुझावों को जुटाकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त संसदीय समिति को रिपोर्ट सौपेंगी।
वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई केंद्र सरकार ने चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया है। अब इस विधेयक को लेकर भाजपा ने भी सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सनावर पटेल, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चौधरी जाकिर हुसैन, गुजरात वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला, हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष राजबली, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मौलाना हबीब हैदर और नासिर हुसैन को शामिल किया है।
भाजपा सूत्रों की मानें तो अल्पसंख्यक मोर्चा को भी विधेयक को लेकर मुस्लिम समुदाय से बातचीत करने के लिए सदस्यों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए गए हैं। वे मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात करेंगे और विधेयक को लेकर उनके सुझाव जुटाएंगे। साथ ही लोगों को विधेयक की जरूरत और लाभ के बारे में भी बताएंगे। इसके अलावा समिति के सदस्य भी विभिन्न राज्यों का दौरा करके मुस्लिम विद्वानों से बात करेंगे। साथ ही उनके मन में विधेयक को लेकर पैदा हुए भ्रम को दूर करेंगे।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने बताया कि विधेयक में संशोधन को लेकर मुस्लिम धार्मिक नेताओं से सलाह ली गई है। उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। भाजपा वक्फ संपत्तियों की रक्षा करने और उनको कब्जों से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रही है। विपक्षी दल केवल विरोध की राजनीति कर रहे हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति ने विधेयक पर जनता और विशेषज्ञों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा,हम देश के जितने भी वक्फ बोर्ड बुला पाएंगे, उनको बुलाएंगे, जो हमारे अल्पसंख्यक संगठन हैं उनको भी बुलाएंगे। सरकार का विचार है कि एक बेहतर ब्लॉक संशोधन बिल आना चाहिए। संसद की संयुक्त समिति ने सामान्य रूप से जनता और विशेष रूप से गैर-सरकारी संगठनों/विशेषज्ञों/हितधारकों और संस्थानों से विचार/सुझाव वाले ज्ञापन आमंत्रित करने का फैसला लिया है।
यह विधेयक भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की पहली बड़ी पहल है, जिसका उद्देश्य एक केंद्रीयकृत पोर्टल के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की प्रक्रिया में सुधार करना है। यह कई सुधारों का प्रस्ताव करता है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों के प्रतिनिधित्व के साथ राज्य वक्फ बोर्डों के साथ एक केंद्रीय वक्फ परिषद की स्थापना शामिल है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved