भोपाल। प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ दल भाजपा ने रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इसी रणनीति के तहत भाजपा ने 230 विधानसभा सीटों के लिए अगल-अलग प्राथमिकताएं तय की हैं। जिसके तहत 2018 के चुनाव में हारने वाली 121 सीटों को आकांक्षी माना है। इनमें वे विधानसभा सीट भी शामिल हंै, जो विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और भाजपा के टिकट पर उपचुनाव जीते हैं। आकांक्षी सीटों के लिए भाजपा ने प्रभारियों को दौड़ा दिया है।
आकांक्षी विधानसभा सीटों के प्रभारी बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे। साथ ही पार्टी कार्यकर्ता एवं नेताओं के साथ केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी देंगे। साथ ही योजनाओं के हितग्राहियों से भी संपर्क साधेंगे। प्रदेश भाजपा ने आकांक्षी सीटों के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली है। तय रणनीति के तहत भाजपा नेता विधानसभा चुनाव की जमावट इन्हीं आकांक्षी सीटों से करेंगे, जो पिछले चुनाव में पार्टी हार गई थी।
हितग्राहियों को बताएंगे मोदी-शिवराज ने बदला जीवन
आकांक्षी विधानसभाओं में जन संपर्क के प्रथम चरण में लोगों को बताया जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजनाओं के जरिए लोगों का जीवन बदलने का काम किया है। जबकि कांग्रेस ने जनहित की योजनाओं को बंद करने का पाप किया था। इसी वजह से कांग्रेस की सरकार 15 महीने के भीतर ही गिर गई थी। यहां बता दें कि भारतीय जनता पार्टी आकांक्षी विधानसभाओं के लिए पिछले 6 महीने से काम कर रही है। नए साल में 2018 में हारने वाली सीटों पर भाजपा ज्यादा सक्रियता दिखाएगी।
प्रभारियों की बैठक में नेताओं ने दिया मार्गदर्शन
आकांक्षी विधानसभा के प्रभारियों की बैठक में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने अगली रणनीति चर्चा की। बैठक में प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि आकांक्षी विधानसभाओं में चुनावी दृष्टि से रणनीति बनाकर तैयारियां की गई हैं। भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार गरीबों का जीवन बदलने का काम कर रही है। पार्टी की रीति नीति कार्यक्रम और सरकार की योजनाएं प्रभावी तौर पर निचले स्तर तक पहुंचे। संगठन की दृष्टि से आकांक्षी विधानसभाओं में हमारे बूथ सुदृढ़ हो इस बात पर चर्चा हुई है।
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