नई दिल्ली/लखनऊ. समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद (MP) रामजी लाल सुमन (Ramji Lal Suman) के शुक्रवार को राज्यसभा में राणा सांगा (Rana Sanga) को गद्दार कहने पर हंगामा हो गया था। इस पर बवाल थमता नीं दिखाई दे रहा है। उनकी बाबर और राणा सांगा को लेकर कुछ ऐसा कह दिया था कि वे भाजपा के तमाम नेताओं के निशाने पर आ गए थे। भाजपा ने रामजी लाल सुमन से मांगी की मांग की। पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि सपा को ऐसे शर्मनाक कृत्य पर पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए। अब भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने मामले में सपा सांसद और पूरे विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल मानसिक रूप से अस्थिर हो गए हैं।
रामजी लाल सुमन ने क्या कहा था?
सुमन शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा पर बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि भाजपा के लोगों का तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। आखिर, बाबर को लाया कौन। इब्राहिम लोधी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा हिंदुस्तान में लाया था। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो फिर तुम गद्दार राणा सांगा की औलाद हो।
‘घर में किसी प्रकार का तनाव न हो, यह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी’
उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का काम देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द कायम रखना है। यह देश एक घर है। इस घर में किसी प्रकार का तनाव न हो, यह गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल ही में होली पर मुसलमानों की तरफ से एक स्वर नहीं निकला, इसके बावजूद गलत बयानबाजी की गई। यूपी और बिहार के दो विधायकों ने कहा, मुसलमानों को अपने घर में होली पर कैद हो जाना चाहिए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कभी होली पर कार्यक्रम नहीं होता था। वहां जबरिया समारोह का प्रयास किया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने कहा, जो इस कार्यक्रम का विरोध करेगा, उसे ऊपर पहुंचा दिया जाएगा। हमारे देश में कानून का राज है या जंगल का।
‘मुसलमानों के आदर्श तो मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपरा’
उन्होंने कहा कि ऐसी बातें करने वाले लोगों का केंद्र व राज्य सरकार कभी विरोध नहीं करती। इसका मतलब है कि सरकार ऐसे लोगों का समर्थन करती है। राष्ट्रीय आंदोलन में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी ने एक झंडे के नीचे लड़ाई लड़ी। हिंदुस्तान के मुसलमानों का आदर्श कभी बाबर नहीं हो सकता। मुसलमानों के आदर्श तो मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपरा है।
दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक सियासी हलकों में हंगामा
सपा सांसद के इस बयान पर दिल्ली से उत्तर प्रदेश तक सियासी हलकों में हंगामा हो गया। भाजपा नेताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बयान की निंदा की।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा, ‘ये एक फैशन बन गया है। चाहे कांग्रेस हो, समाजवादी पार्टी हो या विपक्ष में कोई और… ये खुद को खबरों में बनाए रखने या लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए है। जिस तरह से देश के महापुरुषों का अपमान किया जा रहा है, ऐसा लगता है कि विपक्षी दल मानसिक रूप से अस्थिर हो गए हैं। वे देश के इतिहास को गलत साबित कर रहे हैं। इन आक्रमणकारियों… जिन्होंने धर्मांतरण किया… मंदिरों को तोड़ा, अब उनका महिमामंडन किया जा रहा है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन सोच रहे होंगे कि अगर वो इस तरह का बयान देंगे तो चर्चा का विषय बन सकते हैं। इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ये लोगों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’
वक्फ विधेयक के विरोध पर भी बोले भाजपा सांसद
वक्फ विधेयक के विरोध पर बोलते हुए जगदंबिका पाल ने कहा, ‘यह एक सोचा समझा विरोध है। जब स्पीकर साहब ने वक्फ को संयुक्त संसदीय समिति को सौंप दिया तो हमने सभी हितधारकों को बुलाया था और सभी की राय ली थी, इसके बाद हमने उसे अपने रिकॉर्ड का अंग बनाया था। अभी संसद के सामने कानून लंबित है। वह कानून पारदर्शी होगा। वक्फ की आमदनी से गरीब पसमांदा, महिलाएं, अनाथ और बच्चों की शिक्षा में फायदा होगा। यह कानून इसको बेहतर बनाने के लिए बनाया जा रहा है। मुझे लगता है कि विपक्ष देश में लोगों के मन में भ्रम पैदा करना चाहते हैं।
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