महेश्वर: मध्य प्रदेश की महेश्वर विधानसभा सीट (Maheshwar assembly seat) पर बीजेपी के राजकुमार मेव (Rajkumar Meo of BJP) ने कांग्रेस उम्मीदवार को 5919 वोटों से मात दे दी है. इसी के साथ कांग्रेस की कद्दावर नेता विजयलक्ष्मी साधो (Vijayalakshmi Sadho) की छठी बार जीत हासिल करने की हसरत अधूरी रह गई. 2018 के विधानसभा चुनावों (2018 assembly elections) में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. आंकड़े बताते हैं कि इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. ये सीट कांग्रेस के साधो परिवार के दबदबे वाली सीट मानी जाती रही है. इस सीट के चुनावी इतिहास में साधो परिवार ने 5 बार जीत हासिल की है. वहीं बीजेपी को सिर्फ 3 बार जीत मिली है. हालांकि, 2023 में मिली जीत के साथ ही बीजेपी को विधानसभा चुनावों में मिली जीत की संख्या 4 हो गई है. ये विधानसभा सीट आरक्षित है.
इस बार इस सीट पर बीजेपी ने पिछली बार के बागी राजकुमार मेव को टिकट थमाया था. वहीं, कांग्रेस ने विजयलक्ष्मी साधो को अपना उम्मीदवार बनाया था. इस सीट की खास बात ये है कि यहां पर पिछले 25 सालों में कोई भी पार्टी लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर पाई है. इस बार भी ये सिलसिला जारी रहा. इस सीट के लिए बीजेपी द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं की तरफ से विरोध शुरू हो गया था. ऐसा लगने लगा था कि नाराज पार्टी कार्यकर्ता चुनाव में खेल कर देंगे. इस विरोध का कारण राजकुमार मेव को टिकट मिलना था. दरअसल, राजकुमार मेव को 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था, जिसकी वजह से वो बागी हो गए थे और निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया था.
नुकसान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2018 में निर्दलीय राजकुमार मेव और बीजेपी कैंडिडेट को जितने वोट मिले, अगर उसे जोड़ दिया जाए तो वो कांग्रेस उम्मीदवार को मिले वोटों से कुछ हजार ही कम थे. वहीं, राजकुमार मेव के बागी होने की वजह से कुछ वोट कांग्रेस में भी ट्रांसफर हुए थे. इस बार किसी प्रकार का नुकसान न हो इसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने राजकुमार मेव को मैदान में उतारा. वहीं, कांग्रेस ने साधो परिवार की विजयलक्ष्मी साधो पर एक बार फिर भरोसा जताया. महेश्वर विधानसभा सीट पर पहले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. उस दौरान विजयलक्ष्मी साधो ने जीत दर्ज की थी. हालांकि, अगले ही विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने वापसी की और मदन वर्मा ने साधो को करारी मात दी. इसके बाद 1993 और 1998 में कांग्रेस की विजयलक्ष्मी साधो जीतने में कामयाब रहीं. लेकिन ये आखिरी बार था जब किसी पार्टी को लगातार दो जीत मिली.
इसके बाद कभी ऐसा नहीं हुआ कि इस सीट पर किसी पार्ट को लगातार दो बार जीत मिली हो. इस सीट पर कांग्रेस को 1985, 1993, 1998, 2008 और 2018 के विधानसभा चुनावों में जीत मिली. पांचों बार चेहरा विजयलक्ष्मी साधो का ही था. वहीं, भारतीय जनता पार्टी को 1990, 2003 और 2013 में जीत मिली. महेश्वर विधानसभा सीट पर कुल वोटर्स की संख्या 2,20,739 है. इसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 1,11,442 और महिला वोटर्स की संख्या 1,09,296 है. ये विधानसभा क्षेत्र हरिजन और आदिवासी बाहुल्य माना जाता है. यहां इनकी संख्या करीब 70 हजार है. वहीं, पाटीदार समाज के वोटर्स की संख्या 20 हजार के करीब है. पाटीदारों के अलावा ब्राह्मण और वैश्य समाज की संख्या भी चुनावी परिणामों में अहम भूमिका निभाती है.
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