लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों का पर्दाफाश होने लगा है। प्रभावित करने के लिए तथाकथित योजनाओं का जनसामान्य पर अब उसका कोई असर नहीं होने वाला है। 2022 से पहले समय रहते भाजपा का चरित्र, चाल और चेहरा सभी की पहचान में आ गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कन्या विवाह योजना का बड़ा-बड़ा विज्ञापन छपवाया जाता है। अखबारों में खबरें और चित्र खूब छप जाती है। लेकिन, धरातल पर हकीकत यह है कि आवेदन के बाद अनुदान के लिए गरीब माता-पिता तीन सालों से भटक रहे हैं। दफ्तरों में उलझी फाइल, कर्ज तले बिखर रहा गरीब का संसार। अकेले आगरा जिले में 600 से ज्यादा परिवारों का कन्या विवाह योजना का अनुदान रूका हुआ है। गरीब पर सरकारी मार भारी पड़ रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्राइमरी शिक्षा व्यवस्था का भी भाजपा राज में बुरा हाल है। शिक्षकों की भर्ती लगातार विवाद का विषय रही है। इन दिनों शिक्षकों को स्कूल के भवन निर्माण, मिड-डे मील आदि की व्यवस्था से भी जोड़ दिया गया है। एक शिक्षक के पास 10-10 स्कूलों की जिम्मेदारी से बच्चों की पढ़ाई नहीं हो रही है। कोरोना संकट में ढील के बाद खुले तमाम स्कूल भवन जर्जर हालत में हैं। बहुत से स्कूलों में शिक्षक भी नहीं। बच्चों को पढ़ाई के बजाय सफाई के काम में लगा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन शक्ति को लांछित करने में खुद उनके मंत्रिमण्डलीय सहयोगी ही जुट गए हैं। पिंक बूथ, महिला थाना भी किस काम के जब कोई पीडि़त महिला ही शिकायत करती है कि उसकी मदद के बजाय उसे अपमानित किया जाता है। पीड़ित महिला को और परेशानी में फंसा दिया जाता है। (एजेंसी, हि.स.)
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