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    MP में बीजेपी की नई रणनीति ने हारी सीटों पर पलट दिया गेम, ‘100 Days’ फॉर्मूला रहा हिट

  • December 05, 2023

    भोपाल (Bhopal) । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) को प्रचंड बहुमत मिला है. कांग्रेस (Congress) को पटखनी देकर बीजेपी सूबे में 163 सीटों पर काबिज हो गई है. जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 66 सीटें ही आई हैं. इस बड़ी जीत के पीछे बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट (micro management) है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने करीब 100 दिन पहले यानी 17 अगस्त को अपने कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट जारी की थी. पार्टी ने इतनी जल्दी नामों का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था. हालांकि ये कदम रणनीति के तहत उठाए गए थे. सबसे पहले उन सीटों पर नामों का ऐलान किया गया, जहां पार्टी की पकड़ बेहद कमजोर थी.

    टिकट बंटवारे से पहले बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ने चुनावी राज्यों की सीटों को 4 कैटेगरी में बांटा था. इन्हें A,B,C और D कैटेगरी में रखा था. A कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया था, जिन पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अक्सर जीत हासिल करते हैं. B कैटेगरी में उन सीटों को रखा गया, जिनमें हार और जीत पिछले चुनाव में हो रही है. C कैटेगरी में उन विधानसभा क्षेत्रों को रखा गया था, जिसमें पार्टी के उम्मीद 2 बार हार चुके थे. जबकि बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने D कैटेगरी में उन सीटों को रखा, जहां BJP कभी नहीं जीती और जिन पर उनकी स्थिति काफी खराब रही है.


    सभी सीटों पर माइक्रो मैनेजमेंट
    इस कैटेगरी के आधार पर ही सूबे में सभी सीटों का मैनेजमेंट किया गया. एमपी की पहली लिस्ट में जिन सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए, वह सी और डी कैटेगरी की सीटें थीं. लिहाजा बीजेपी 2018 के चुनाव में इन सीटों पर हारी थी. इनमें से कुछ सीटों तो ऐसी भी थीं, जिनमें वह 10 या इससे भी ज्यादा साल से हार रही थी. गेम पलटने के लिए बीजेपी को इस तरह की सीटों को मजबूत करने की जरूरत थी, ताकि चुनाव से पहले उन क्षेत्रों में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाया जा सके.

    39 सीटों पर बीजेपी ने कैसे बनाई जीत की रणनीति
    इन सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने चुनाव से करीब 100 दिन पहले नामों का ऐलान कर दिया. इससे प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए न सिर्फ पर्याप्त समय मिला, बल्कि जीत की रणनीति बनाने और रूठों को मनाने के लिए भी समय मिल गया. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य के प्रत्येक मंडल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कीं और उनकी टीम के नेताओं को जीत का साफ मैसेज दिया. इसका पालन हुआ और बूथ स्तर तक इस मैसेज को फॉरवर्ड किया. यह चुनाव परिणामों में साफ तौर पर रिफ्लैक्ट हुआ.

    बीजेपी के इन कैंडिडेट्स की हार ने चौंकाया
    बीजेपी ने पहली लिस्ट में 39 नामों का ऐलान किया था. इसमें से 26 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की. जबकि कुछ कैंडिडेट्स को हार का सामना भी करना पड़ा है. इसमें गोहद से लाल सिंह आर्य को हार का मुंह देखना पड़ा है. जबकि भोपाल मध्य और भोपाल नॉर्थ भी बीजेपी के हाथ से फिसल गए. भोपाल उत्तर से पूर्व महापौर आलोक शर्मा मैदान में थे. उधर, जबलपुर पूर्व में अंचल सोनकर को भी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. झाबुआ में भानू भूरिया, तराना में ताराचंद्र, बेहर में भगत सिंह और बिछिया में विजय आनंद भी अपनी सीट नहीं बचा सके.

    PM मोदी का फेस बना जीत की गारंटी
    इन सीटों पर बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा फैक्टर ये साबित हुआ कि पार्टी के नेताओं ने अपने क्षेत्र में प्रचार करने के साथ ही कमजोर कड़ियों को मजबूत करने वक्त मिल गया. इसके साथ ही कैंडिडेट्स वोटर्स के ये यकीन दिलाने में भी कामयाब हो गए कि अगर वह चुनाव जीतते हैं और सूबे में बीजेपी की सरकार आती है, तो डबल इंजन की सरकार से इस क्षेत्र का भरपूर विकास होगा. स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसके अलावा पीएम मोदी का चेहरा जीत की सबसे बड़ी गारंटी बन गया.

    कांग्रेस के ये बड़े चेहरे भी नहीं बचा पाए सीट
    इंदौर की राऊ सीट पर इंदौर विकास प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को चुनावी मैदान में पटखनी दी. इसके अलावा इसके अलावा गोटेगांव में बीजेपी नेता महेंद्र नागेश ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को हराया. उधर, चाचौड़ा सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहीं प्रियंका मीणा ने दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को भारी वोटों के अंतर से हराया है.

    100 दिन पहले हुआ था ऐलान, ये उम्मीदवार जीते

    सीट       विजयी कैंडिडेट  कौन हाराकिस पार्टी की हारजीत का अंतर
    सबलगढ़सरला विजेंद्र रावत बैजनाथ कुशवाहकांग्रेस9,805
    सुमावलीऐदल सिंह कंसानाकुलदीप सिकरवारबसपा16,008
    पिछोरप्रीतम सिंह लोधीअरविंद सिंह लोधीकांग्रेस21,882
    चंदेरीजगन्नाथ रघुवंशीगोपाल सिंह चौहानकांग्रेस21,768
    चाचौड़ाप्रियंका मीणालक्ष्मण सिंहकांग्रेस61,570
    बंडावीरेंद्र सिंहतरवर सिंह लोधीकांग्रेस34,751
    महाराजपुरकामाख्या प्रताप नीरज दीक्षितकांग्रेस26,617
    छतरपुरललिता यादवआलोक चतुर्वेदीकांग्रेस6,967
    पथरियालखन पटेलराव ब्रजेंद्र सिंहकांग्रेस18,159
    चित्रकूटसुरेंद्र सिंह गेहरवारनीलांशु चतुर्वेदीकांग्रेस6,670
    बड़वाराधीरेंद्र बहादुर सिंह विजय राघवेंद्र सिंहकांग्रेस 50,993
    बरगीनीरज सिंह लोधी संजय यादवकांग्रेस39,957
    शाहपुराओमप्रकाश ध्रुर्वेभूपेंद्र मरावीकांग्रेस5,617
    लांजीराजकुमारहीना कांवरेकांग्रेस2,773
    बरघाटकमल मर्सकोलेअर्जुन काकोड़ियाकांग्रेस17,081
    गोटेगांवमहेंद्र नागेशएनपी प्रजापतिकांग्रेस47,788
    मुलताईचंद्रशेखर देशमुखसुखदेव पांसेकांग्रेस14,482
    भैंसदेहीमहेंद्र सिंहधर्मू सिंहकांग्रेस8,230
    सोनकच्छराजेश सोनकरसज्जन कुमार वर्माकांग्रेस25,437
    महेश्वरराजकुमार मेवविजयलक्ष्मी साधौकांग्रेस5,919
    अलीराजपुरनागर सिंह चौहानमुकेश पटेलकांग्रेस3,723
    पेटलावदनिर्मला भूरियावालसिंह मेढ़ाकांग्रेस5,647
    धरमपुरीकालू सिंह ठाकुरपांचीलाल मेढ़ाकांग्रेस356
    राउमधु वर्माजीतू पटवारीकांग्रेस35,522
    घटियासतीश मालवीयरामलाल मालवीयकांग्रेस17,666
    गुन्नौरराजेश कुमार वर्माजीवनलाल सिद्धार्थकांग्रेस 1,160

    इन उम्मीदवारों को मिली हार 

    सीट          विजयी कैंडिडेट   कौन हाराकिस पार्टी की जीतजीत का अंतर
    तरानामहेश परमारताराचंद्र गोयलकांग्रेस2183
    कुक्षीसुरेंद्र सिंह जयदीप पटेलकांग्रेस49888
    झाबुआविक्रांत भूरियाभानू भूरियाकांग्रेस15693
    कसरावदसचिन यादवआत्माराम पटेलकांग्रेस5672
    भोपाल मध्यआरिफ मसूदध्रुव नारायण सिंहकांग्रेस15891
    भोपाल उत्तरआतिफ अकीलआलोक शर्माकांग्रेस26987
    पाढुंर्णा नीलेश उइकेप्रकाश भाऊ उइकेकांग्रेस10457
    सौंसरविजय रेवनाथनानाभाऊ मोहाड़कांग्रेस11542
    बैहरसंजय उइकेभगत सिंह नेतामकांग्रेस551
    बिछियानारायण सिंह पट्टाविजय आनंद मरावीकांग्रेस11065
    जबलपुर पूर्वलखन घनघोरियाअंचल सोनकरकांग्रेस27741
    पुष्पराजगढ़फुंदेलाल मार्कोंहीरा सिंह श्यामकांग्रेस4486
    गोहदकेशव देसाईलाल सिंह आर्यकांग्रेस607

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