डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले बीजेपी ने एनडीए के कुनबे को बड़ा करने के लिए नए सिरे से पहल तेज कर दी है. इस कवायद में एनडीए के पुराने घटक दलों के साथ-साथ कुछ नए दलों के साथ गठबंधन की कोशिश भी की जा रही है. पुराने NDA घटकदलों के साथ नए सिरे से बातचीत और नए घटकदलों को जोड़ने का जिम्मा खुद गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उठाया है.
एनडीए के घटक दलों को नए सिरे से एक साथ लाने की पहल तब शुरू हुई है, जब यूपीए समेत तमाम विपक्षी दलों के दर्जनों नेता लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एक साझा मंच तैयार कर बीजेपी को चुनौती देना चाहते हैं. लगभग ढाई दशक पुराने एनडीए घटक दलों की अहमियत धीरे धीरे कम होती गई थी और पिछले 9 सालों में एनडीए दलों की संख्या भी काफी कम हुई है, खासकर तब जब इसके पुराने घटक दल, अकाली दल, शिवसेना और जेडीयू इसके हिस्सा नहीं रहे.
एनडीए को मजबूती देने के दिशा में रविवार रात को टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू की गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात एक महत्वपूर्ण मोड़ है. सूत्रों के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू पिछले एक साल से अधिक समय से बीजेपी के साथ गठबंधन में जाने को तैयार थे, लेकिन बीजेपी के तरफ से कोई साफ संकेत नहीं मिलने के वजह से बात आगे नहीं बढ़ पा रही थी.
टीडीपी के सूत्र बताते हैं कि बीजेपी नेताओं से मिलने जुलने और गठबंधन के लिए चंद्रबाबू नायडू पहले भी कोशिश कर चुके थे. लेकिन तब उन्हे सफलता नहीं मिली. इसलिए नायडू के अमित शाह और जेपी नड्डा से ताजा मुलाकात से बीजेपी के एनडीए को पुनर्जीवित करने के मंशा को बल मिलता है. बीजेपी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि आंध्र प्रदेश में बीजेपी और अभिनेता पवन कल्याण की जनसेना पार्टी के बीच पहले से ही गठबंधन है, अब चंद्रबाबू नायडू के जुड़ जाने से राज्य में एनडीए को मजबूती मिलेगी.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शिरोमणि अकाली दल के पुरोधा रहे प्रकाश सिंह बादल को श्रद्धांजलि देने चंडीगढ़ जाना और उससे बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह का उनके गांव जाकर श्रद्धांजलि देना साफ संकेत देता है कि बीजेपी अपने पुराने सहयोगी राजनीतिक दलों के साथ नए सिरे से गठजोड़ करने के लिए अग्रसर है.
इस दिशा में पिछले महीने हुए जालंधर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी और शिरोमणि दल के उम्मीदवारों की हार और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार की जीत के बाद बीजेपी और अकाली दल के नेताओं को इस बात का इल्म हुआ है कि दोनों दल यदि इकट्ठा चुनाव लड़ते तो परिणाम कुछ और हो सकते थे, क्योंकि दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों को मिले वोट को जोड़ दिया जाए तो आप पार्टी के उम्मीदवार की जीत महज कुछ हजार से हुई.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि अकाली दल को फिर से बीजेपी के साथ लाने और एनडीए को मजबूती देने के दिशा में पहल तेज की जा रही है. यहां एक बात स्पष्ट है कि टीडीपी और अकाली दल भले ही एनडीए गठबंधन से बाहर निकल गए थे, लेकिन जब भी बहुत जरूरी हुआ तब बीजेपी के साथ खड़े मिले. वो राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव का समय हो या चाहें संसद के नए बिल्डिंग के शुभारंभ का मुद्दा, एनडीए में ना रहकर भी ये दोनों दल मोदी सरकार के साथ दिखे.
महाराष्ट्र में शिवसेना (शिंदे) बीजेपी के साथ गठबंधन में है, लेकिन ठाकरे परिवार से बीजेपी के पुराने रिश्ते अब नहीं हैं. सूबे में आगामी लोकल बॉडी, लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर शनिवार की रात गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की लंबी बातचीत हुई.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मुंबई और अन्य नगर पालिका चुनाव सहित आगामी सभी चुनाव एक साथ लड़ने और केंद्र और राज्य सरकार में भागीदारी को लेकर अहम बातचीत हुई. गौरतलब है कि शिंदे गुट के कई एमपी केंद्र सरकार में मंत्री पद के लिए उनपर लगातार दबाव बनाए हुए हैं.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि ठाकरे परिवार के एनडीए में कमी को बीजेपी राज ठाकरे के मनसे के साथ गठबंधन कर पूरा कर सकती है. राज ठाकरे के साथ बीजेपी के नेताओं के समीकरण बेहतर हैं और इससे राज को भी सूबे की राजनीति में मजबूती मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राज ठाकरे से बातचीत के लिए जिम्मेदारी दी गई है.
28 मई को दिल्ली में प्रधानमंत्री द्वारा बीजेपी मुख्यालय में बुलाई गई मुख्यमंत्री परिषद की बैठक के अगले ही दिन यानि 29 मई को मुंबई में देवेंद्र फडणवीस का राज ठाकरे के घर मध्यरात्रि में जाना इस बात को मजबूती देता है. महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ शिवसेना (शिंदे), आरपीआई (आठवले), के अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से गठबंधन कर बीजेपी सूबे में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव) के सामने 2024 में खुद को मजबूत रखना चाहती है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि एनडीए को मजबूती देने के पहल में जेडीएस का बीजेपी से समझौता होने की पूरी संभावना है और आगामी लोकसभा चुनाव में जेडीएस एनडीए का हिस्सा बनेगी. इस क्रम में जल्द ही कुमारस्वामी की बीजेपी के आला नेताओं से दिल्ली में मुलाकात होगी. सूत्रों के मुताबिक हफ्ते भर के अंदर कुमारस्वामी की गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो सकती है.
जेडीएस कर्नाटक में 4 लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहता है जिस पर बीजेपी राजी भी हो सकती है. जेडीएस कर्नाटक में मांड्या, चिकबल्लापुर, हसन और बंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट लेना चाहती है. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेता चाहते हैं कि वोकालिगा वोटों का ध्रुवीकरण भी उसके पक्ष हो जाए खासकर तब जबकि कांग्रेस के वोकालिगा चेहरा डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से उस समाज का एक बड़ा वर्ग नाखुश हुआ है. बीजेपी कांग्रेस से वो कालिगा समाज की नाखुशी का फायदा उठाना चाहती है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी तरह से बिहार में मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी के साथ भी बीजेपी गठबंधन का ऐलान भी शीघ्र होने की संभावना है. इस बीच बिहार में उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ गठबंधन भी तय ही है. कुशवाहा पिछले 3 महीने में गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से कई बार मिल चुके हैं. पिछले महीने हम पार्टी के जीतन राम मांझी के साथ गृहमंत्री अमित शाह की मुलाकात एनडीए कुनबे को बढ़ाने के संकेत हैं.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक जीतन राम मांझी के साथ गृहमंत्री की मुलाकात के दौरान आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर चर्चा हुई थी. बिहार में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस गठबंधन के सामने बीजेपी लोक जनशक्ति पार्टी, लोक समता पार्टी, वीआईपी और हम के साथ गठबंधन कर एनडीए का बड़ा कुनबा खड़ा कर रही है.
यूपी में बीजेपी और ओमप्रकाश राजभर की पार्टी भासपा का गठबंधन की संभावना जताई जा रही है. बीजेपी पहले से ही सूबे में अनुप्रिया पटेल के अपना दल और संजय निषाद के निषाद पार्टी के साथ गठबंधन में हैं, जिनके साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेगी.
तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके गठबंधन पहले से है, लेकिन बीच में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई और एआईएडीएमके नेताओं के बीच खट्टास बढ़ गया था, जिसको अप्रैल के आखिरी हफ्ते में गृहमंत्री अमित शाह ने खत्म किया. विगत 26 अप्रैल को एआईडीएमके के महासचिव ई के पलनिस्वामी की गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात में आगामी लोकसभा में साथ साथ चुनाव लड़ने की सहमति बनाई गई.
साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई को आपसी समन्वय मजबूत रखने को कहा गया. तमिलनाडु में AIADMK के अलावा ए रामादोस की पार्टी पीएमके, आईएमकेएमएम, तमिल मनीला कांग्रेस, एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगी.
हरियाणा में बीजेपी और जेजीपी गठबंधन में सरकार चला रही है. हरियाणा में मंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी मिलकर चुनाव लड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक जेजेपी से मौजूदा तनाव जल्द पार्टी दूर कर लेगी. इसके साथ ही झारखंड में आजसू, गोवा की महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, असम गण परिषद, जैसे छोटे दलों को भी एनडीए में एक साथ लेकर चलने और लोकसभा चुनाव में साथ चुनाव लड़ने का फैसला बीजेपी ने लिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एनडीए और गैर एनडीए छोटे दलों के साथ मिलकर आगे बढ़ने के निर्देश के बाद बीजेपी अब अपने कुनबे को बढ़ाने और मजबूत करने में लग गई है. खासकर नए संसद भवन के शुभारंभ के समय जिस तरह से विपक्षी दलों ने एक साथ 21 दलों के द्वारा बहिष्कार कर बीजेपी को अलग थलग करने का नरेटिव गढ़ा. उसके बाद बीजेपी ने भी अपने पुराने सहयोगी दलों को साथ लेने और अपने सहयोगी दलों की संख्या में इजाफा का मन बना लिया है.
संसद भवन शुभारंभ के दौरान ही सालों बाद बीजेपी ने पहली बार 18 एनडीए घटक दलों और 7 नॉन एनडीए दलों के समर्थन की सूची जारी की. अब बीजेपी ने अपने तमाम पुराने और नए सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ने का फैसला किया है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved