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    मुरझा गए भाजपा के कमल पुष्प

  • December 27, 2021

    • 60 वर्ष से अधिक उम्र के भुला दिए गए नेताओं और कार्यकर्ताओं को याद करने की योजना हास्यास्पद..

    उज्जैन। भाजपा द्वारा अपने वरिष्ठ नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को याद करने तथा उनका सम्मान करने के लिए अभियान शुरू किया गया है, जो फरवरी माह तक चलेगा..और इसके लिए प्रत्येक वार्ड के नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है..लेकिन यह अभियान न केवल हास्यास्पद है बल्कि पार्टी को खड़ा करने वाले स्तंभों का अपमान भी..! भाजपा द्वारा पूर्व नेताओं के नाम एकत्र किए जा रहे हैं और बताया गया है कि पार्टी के लिए काम करने वाले वरिष्ठ नेताओं का सम्मान किया जाएगा और स्मारिका का प्रकाशन भी होगा..लेकिन सच्चाई यह है कि पार्टी को खड़ा करने वाले, दरी उठाने वाले, रैलियों में पसीना बहाने वाले, जेल भरो आंदोलन को सफल बनाने वाले, बसों में लटक कर रैलियों में भीड़ जमा करने जाने वाले और बूथों पर किसी सैनिक की तरह खड़े रहकर ड्यूटी करने वाले और भाजपा को इस मुकाम तक पहुँचाने वाले वरिष्ठ नेताओं तथा कर्मठ जमीनी कार्यकर्ताओं को आज षड्यंत्र कर घर बैठा दिया गया है..



    कई नेता अनुभव के पक्के हैं तो कई बोलने में अटलजी समान..लेकिन न केवल उनकी बोलती बंद कर दी गई बल्कि उन्हें निष्क्रिय किया गया..ठीक उसी तरह जिस तरह आडवाणीजी को किया गया..पार्टी की बैठकों में बुलाना बंद किया गया..तथा उनकी उपेक्षा होने लगी..इसलिए अधिकांश पुराने पार्टी वर्कर अब केवल कमल पर मोहर लगाने जितने ही भाजपाई रह गए हैं..पार्टी द्वारा यह नहीं देखा गया कि संबंधित व्यक्ति का क्या योगदान है, बल्कि यह देखा गया कि यह किस गुट का है और किस नेता से चिपका हुआ था..60 वर्ष की उम्र के सर्वश्री अशोक प्रजापत, राजेन्द्र शिंदे, महेन्द्र गादिया, मदन सांखला, ओम अग्रवाल और उनके जैसे कई धुरंधरों को घर बैठना पड़ रहा है..कारण एकमात्र है कि अब श्री जटिया का युग समाप्त हो चला इसलिए दूसरा गुट हावी है..तो यह समझा जाए कि भाजपा में व्यक्तियों से चिपकने का आधार ही पहचान है..जो कल थे वो आज नहीं हैं और जो आज हैं वो कल नहीं रहेंगे..प्रकृति भी परिवर्तन प्रिय है..लेकिन भाजपा के कमल पुष्प अपनी पीड़ा किसे बताएँ..और वे मुरझाए हुए से चुप बैठे हैं..! ऐसे में कमल पुष्प योजना के माध्यम से याद करना न केवल हास्यास्पद है बल्कि कार्यकर्ताओं में चर्चा है कि ऐसे अभियानों की जरुरत ही क्यों रहेगी यदि वरिष्ठों को भुलाया न जाए तो..!

    जमीनी कार्यकर्ता की दुकान उजड़ी तो कोई मदद करने नहीं पहुँचा
    आगर रोड पर मकोडिय़ा आम चौराहा भाजपा के युवा नेताओं का ठीया बन गया था, क्योंकि यहाँ कौने पर भाजयुमो के नगर मंत्री महेश साहू की होटल थी जो कुछ समय पूर्व हटाए गए अतिक्रमण के दौरान तोड़ दी गई..महेश साहू ने बड़े नेताओं के पास जाकर बताया कि मैं पिछले 20-25 सालों से पार्टी का बिना स्वार्थ के जमीन पर काम कर रहा हूँ और मेरा घर इसी चाय-नाश्ते की दुकान से चलता है..किराया पर्ची कटवाकर जिस तरह अस्पताल के बाहर रोकस की दुकानों में वहाँ के गुमटी वालों को प्राथमिकता दी गई थी, उसी तर्ज पर मेरी दुकान बचा ली जाए लेकिन भाजपा के मंत्री, विधायक अपने कमल पुष्प को मुरझाने से नहीं बचा पाए.. क्षेत्रीय विधायक चाहते तो काम हो सकता था। आज उसी स्थान पर रोड किनारे साहू ठेला लगाता है, जहाँ कभी भाजपा की युवा टोली जुटती थी और मजे से रेस्टोरेंट चलता था, अब किसी तरह गुजारा हो रहा है और शायद अटल पुष्प योजना में उसका भी सम्मान हो जाए..हालांकि वे अभी 60 वर्ष से कुछ कम उम्र के है।

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