भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) होने हैं और इस लिहाज से चुनाव का प्रबंधन, इनका संचालन और संगठन (Operations and Organization) को गतिशील करना हर एक पार्टी के लिए चुनौती है और इसी नजर से मध्य प्रदेश के चुनावी अभियान की कमान आरएसएस और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नवरत्नों के हाथों में आ चुकी है. पार्टी ने अपना चुनावी अभियान तेज करते हुए बैठकों के निरंतर दौर शुरू कर दिए हैं.
एक तरफ़ जहां केंद्रीय कृषि मंत्री और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश के चुनाव प्रबंधन समिति की कमान सौंपी गई है तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव में रणनीति बनाने की जिम्मेदारी भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव संभाल रहे हैं. इधर लंबे समय से भाजपा में रहकर राजनीति कर रहे भारतीय जनता पार्टी के हाई प्रोफाइल नेता राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश का फीडबैक भी देख रहे हैं. किसी भी पार्टी के लिए उसकी पार्टी का फीडबैक क्या है, ये जानना बहुत जरूरी है और उसी नजर से कैलाश विजयवर्गीय को ये जिम्मेदारी दी गई है. कैलाश विजयवर्गी के कंधों पर इसके अलावा एक दूसरी और जिम्मेदारी है वह मध्यप्रदेश में डैमेज कंट्रोल एक्सरसाइज की. वे इसके अघोषित प्रमुख भी रहेंगे. इसके अलावा संघ और बीजेपी के नवरत्नों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा, मुरलीधर राव, शिवप्रकाश और हितानंद का नाम शुमार हैं.
कहने को तो भारतीय जनता पार्टी के ये तमाम नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सदस्य भी रहे हैं और इन नवरत्नों में संघ और बीजेपी की नजर से देखा जाए तो दोनों को अलग अलग करना ठीक भी नहीं है. लेकिन शिवप्रकाश, मुरलीधर राव, वीडी शर्मा और हितानंद संघ के प्रचारक रहे हैं, इसलिए उन्हें संघ का बीजेपी में प्रतिनिधि कहा जा सकता है. इधर दूसरी तरफ अगर बात करें तो बाकी के जो नेता हैं वो अमित शाह के करीबी रहे हैं. क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल की भूमिका भी यहां काफी अहम हो जाती है, लेकिन उनके पास फिलहाल छत्तीसगढ़ का प्रभार है. इधर मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना विजय संकल्प अभियान भी शुरू कर दिया है. चुनावी अभियान तेज करते हुए उन्होंने बड़वानी में इसका शुभारंभ किया. बीजेपी ने अभियान को गति दी और जिला प्रभारियों की नियुक्ति का फैसला किया है.
बताया जा रहा है कि 19 जुलाई तक ये सभी नियुक्तियां कर दी जाएंगी. ये नियुक्तियां होने के बाद जिला प्रभारी और जिलाध्यक्ष के साथ एक बड़ी बैठक भोपाल में आयोजित होगी, जिसमें अमित शाह, भूपेंद्र यादव, अश्विनी बैष्णव के साथ नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित रहेंगे. वैसे देखा जाए तो नरेन्द्रसिंह तोमर मध्यप्रदेश में लगातार ऐक्टिव रहते हैं और कैलाश विजयवर्गीय भी अब मध्यप्रदेश को ज्यादा समय दे रहे हैं.
इधर टिकट वितरण के मामले में पार्टी तमाम सर्वेक्षण करवा रही है और पार्टी नेताओं ने तय किया है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में जो सीटें बीजेपी हारी थी उन पर अगले दो महीने में प्रत्याशी का चयन कर लिया जाए. हालांकि, टिकट वितरण की घोषणा चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद ही की जाएगी. केंद्र प्रबंधन विकास यात्रा और सोशल इंजीनियरिंग पर सबसे ज्यादा ज़ोर देने की कोशिश में है. इधर दलितों को रिझाने के लिए पार्टी संत रविदास की स्मृति में यात्रा निकालेगी. इन यात्रियों के लिए अलग से एक कार्यालय का शुभारंभ भोपाल में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव, नरेंद्र सिंह तोमर और अश्विनी वैष्णव की मौजूदगी में कर दिया गया.
मध्य प्रदेश में पांच जगहों से संत रविदास यात्रा निकाली जाएगी जो अगस्त को सागर में जाकर समाप्त होगी. इसमें सभी जगहों से मिट्टी और नदियों से जल एकत्रित करके इसे सागर ले जाया जाएगा और यहीं सो करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर का काम शुरू किया जाएगा. बीजेपी ने इसी के साथ अनुसूचित जाति वर्ग को साधने पर भी काम शुरू कर दिया है.
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