img-fluid

इंदौर, भोपाल और जबलपुर के चक्कर में लटके भाजपा के जिलाध्यक्ष

January 10, 2025


एक साथ सभी जिलाध्यक्ष घोषित करने के चक्कर में दूसरे जिलों के नेता नाराज

इंदौर। कल आते-आते एक बार फिर भाजपा (BJP) के जिलाध्यक्षों (district president) की सूची लटक गई। सूची के शाम 5 बजे आने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन देर पर देर होती रही। बाद में रात में मालूम चला कि इंदौर (Indore) , भोपाल (Bhopal) और जबलपुर (Jabalpur) के मामले में पेंच फंस गया है, जिसको लेकर वीडी शर्मा और अन्य पदाधिकारियों ने क्षेत्रीय नेताओं से भी बात की, लेकिन बात नहीं बन पाई और सूची घोषित नहीं की जा सकी। अब एक बार फिर आज सूची जारी होना बताया जा रहा है।



सार्वजनिक तौर पर भाजपा के बड़े नेता कुछ नहीं कह रहे हैं। कल प्रदेश अध्यक्ष वीडी शमा दिल्ली में ही थे। सूत्रों के अनुसार कुछ जिलों के नामों पर फिर से विचार किया गया है। इसी चक्कर में कल सूची अटक गई। हालांकि स्थानीय संगठन देर रात तक सूची जारी करने के पक्ष में था। बताया जा रहा है कि इंदौर के नामों को लेकर बड़ा पेंच फंसा है और एक बार फिर सांसद-विधायकों से बात की गई है। जिनसे बात नहीं हो पाई है, उनसे आज बात होगी और एक नाम पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी। यही स्थिति भोपाल और जबलपुर के मामले में भी सामने आई है। संगठन चाह रहा है कि आने वाले चुनाव को देखते हुए सत्ता और संगठन का बेहतरीन तालमेल बना रहे, इसलिए जनप्रतिनिधियों की राय भी जरूरी है। अब आज एक बार फिर वीडी शर्मा इन तीन जिलों को लेकर बात कर रहे हैं और हो सकता है कि शाम तक सूची जारी हो जाए। वहीं इन तीन जिलों को छोड़ दिया जाए तो दूसरे जिलों के नेताओं का कहना है कि जहां विवाद नहीं है, वहीं की सूची जारी कर दी जाए, ताकि कार्यकर्ताओं में उत्साह का जो वातावरण बना है, वह कायम रहे।

इंदौर में टीनू और अंतरदयाल के नाम की चर्चा
जैसे ही मालूम पड़ा कि आज भाजपा जिलाध्यक्षों की सूची घोषित करने वाली है, वैसे ही नेताओं के फोन घनघनाने लगे। इंदौर शहर में अध्यक्ष के रूप में टीनू जैन तो ग्रामीण अध्यक्ष के रूप में अंतरदयाल का नाम चलने लगा। किसी-किसी ने तो सोशल मीडिया पर दोनों को बधाई तक दे डाली। वैसे टीनू का नाम सबसे पहले है और दूसरे नंबर पर सुमित मिश्रा का नाम है। दोनों ही नाम मंत्री विजयवर्गीय की पसंद के हैं, जबकि टीनू का नाम ऊपर से भी आया है। अंतरदयाल के मामले में मंत्री तुलसी सिलावट ने एकतरफा दांव लगाया है। चिंटू वर्मा को रोकने के लिए उनके साथ विधायक उषा ठाकुर और मनोज पटेल भी लामबंद हो गए।

गौरव नहीं दिखे मुख्यमंत्री के
साथ
कल पहली बार ऐसा हुआ, जब शहर में रहने के बावजूद गौरव रणदिवे मुख्यमंत्री के साथ नजर नहीं आए। मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम के सिलसिले में इंदौर आए थे। प्रोटोकॉल में नगर अध्यक्ष भी मुख्यमंत्री के साथ रहते हैं, लेकिन यह पहला ही मौका था, जब गौरव नजर नहीं आए। वैसे भी संगठन ने स्पष्ट कर दिया कि दो कार्यकाल या पांच साल से ज्यादा समय अध्यक्ष रहने वालों को अब फिर से अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा। गौरव ने शायद कल से अपने आपको निवृत्तमान मान लिया।

चिंटू पहुंच गए मंत्री विजयवर्गीय के साथ खरगोन
जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा भी कल मुख्यमंत्री के साथ नजर नहीं आए। वे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ खरगोन पहुंच गए। उन्होंने वहां नर्मदा पूजन किया और दादा गुरु के दर्शन किए। मंत्री तुलसी सिलावट जरूर मुख्यमंत्री के साथ रहे।

Share:

राहुल-प्रियंका की यात्रा के पहले कांग्रेस के असंतोष को दबाने की कोशिश

Fri Jan 10 , 2025
दिग्गी-नाथ के समर्थकों को पद बांटे पटवारी ने खेला एडजस्टमेंट का कार्ड इंदौर । गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर कांग्रेस सुप्रीमो (Congress Supremo) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की इंदौर (Indore) यात्रा के पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एडजस्टमेंट का कार्ड खेल लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कल […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
शुक्रवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved