मुंबई । महाराष्ट्र में (In Maharashtra) एमवीए गठबंधन सरकार (MVA Coalition Government) के कैबिनेट मंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता (Cabinet Minister and Senior Leader of Shivsena) एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के बीच (In the midst of the Rebellion) बीजेपी ने दावा किया (BJP’s Claim) है कि न तो शिंदे (Neither Shinde) ने भेजा प्रस्ताव (Sent the Proposal) और न ही बीजेपी ने (Nor did the BJP) ।शिंदे अपने समर्थक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में हैं, जहां उनसे मिलने एक बीजेपी विधायक भी पहुंचे हैं।
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिवसेना ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है, उनकी जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया है। वहीं सरकार में शामिल एनसीपी का कहना है कि यह शिवसेना का अंदरूनी मामला है, जिसे उद्धव ठाकरे सुलझा लेंगे। उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को महाराष्ट्र का पर्यवेक्षक बना दिया है, ताकि कांग्रेस विधायकों को एक साथ रखा जा सके।
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव सरकार अल्पमत में आती दिख रही है। हालांकि दल-बदल विरोधी कानून से बचने के लिए शिंदे को 37 विधायकों का समर्थन अनिवार्य है। वहीं दावा किया जा रहा है कि शिंदे के साथ 20 विधायक सूरत में मौजूद हैं। बगावत के बाद शिंदे ने ट्वीट करके अपना पक्ष भी रखा है। शिंदे ने कहा कि वो सत्ता के लिए कभी धोखा नहीं देंगे। उन्होंने कहा वे कट्टर शिवसैनिक हैं और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ने उन्हें हिंदुत्व की शिक्षा दी।
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