शिमला। हिमाचल प्रदेश चुनाव में भारतीय जनता जनता पार्टी (BJP) के एक उम्मीदवार की खूब चर्चा हो रही है। राजधानी शिमला में भगवा दल ने अपने एक मंत्री की सीट बदलकर एक ‘चायवाले’ को टिकट दिया है। तीन दशक से चाय की दुकान चला रहे संजय सूद भाजपा के बेहद पुराने नेता हैं और पार्टी ने उन्हें इस बार शिमला अर्बन सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। कभी बेहद संघर्ष के दौर से गुजरे सूद अब करोड़पति हैं। नामांकन के दौरान दिए गए हलफनामे के मुताबिक सूद और उनकी पत्नी के नाम कुल 2.7 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है।
संजय सूद ने शुक्रवार को शिमला अर्बन सीट से नामांकन दाखिल किया। सूद ने यहां सुरेश भारद्वाज की जगह उतारा है जो चार बार के विधायक हैं और जयराम ठाकुर सरकार में मंत्री हैं। संजय सूद के पास 1.45 करोड़ की अचल और 54 लाख की चल संपत्ति है। उनकी पत्नी सुनीता के पास 46 लाख की चल और 25 लाख की अचल संपत्ति है। बेहद संर्घष के साथ उन्होंने शिक्षा हासिल की और शुरुआत से ही आरएसएस से जुड़े रहे। सुरेश सूद विद्यार्थी परिषद में भी काम कर चुके हैं।
57 वर्षीय सूद सालों तक एक जमीनी कार्यकर्ता के रूप में निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम करते रहे। बाद में वह शिमला मंडल यूनियन के सदस्य बने। वह जिले में भाजपा के मीडिया प्रभारी भी रहे हैं। करीब दो दशक पहले वह पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। दो बार पार्षद रहे सूद जिला अध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं।
सूद शिमला बस स्टैंड में 1991 से चाय की दुकान चला रहे हैं। साथ में अखबार भी बेचते रहे हैं। दशकों तक संघर्ष करते रहे सूद अपनी सफलता को लेकर कहते हैं कि उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे उन्होंने पैसे जमा किए हैं। उन्होंने बचत के पैसों से कुछ प्रॉपर्टी खरीदी जिनकी कीमत अब बढ़ गई है। टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूद ने कहा कि डाकखाना बचत योजना में वह हर दिन 100 रुपए जमा करते थे।
वह कहते हैं, ”लोग आपके संघर्ष को नहीं सिर्फ सफलता को देखते हैं।” कांग्रेस ने इस सीट से हरीश जनारथा को मैदान में उतारा है। संपत्ति के मामले में कांग्रेस उम्मीदवार भाजपा प्रत्याशी से काफी आगे हैं। हरीश की ओर से दायर हलफनामे के मुताबिक उनके पास 2.4 करोड़ की चल संपत्ति और 2.3 करोड़ की अचल संपत्ति है। उनके पास कुल 4.7 करोड़ की संपत्ति है।
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