भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन यानी बुधवार को लंच ब्रेक नहीं होगा। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। लेकिन कांग्रेस की ओर से विधानसभा में लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव से पहले भाजपा ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस के 4-5 विधायक भाजपा में आ सकते हैं।
विधानसभा के गठन से लेकर 27 बार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं। इनमें सबसे लंबे समय तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा साल 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया के अविश्वास पर हुई थी। 28 नवंबर 2011 से लेकर 29 नवंबर 2011 तक 4 दिनों तक 25 घंटे 24 मिनट तक अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान के 18 साल के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। वर्ष 2011 में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। जब उस पर चर्चा चल रही थी, तभी उप नेता प्रतिपक्ष चौधरी राकेश सिंह ने असहमति जताई थी। इससे 47 विधायकों ने 25 घंटे 30 मिनट तक चर्चा में भाग लिया। इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। एक दिसंबर 2011 का वह दिन था, उस दिन के बाद से चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और अजय सिंह के बीच संबंध सामान्य होना तो दूर बोलचाल तक बंद हो गई थी।
मंत्री का दावा
कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूछे गए सवाल पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा 2013 में आया था तो उसके बाद परिणाम देखा था आपने, अब आया है तो परिणाम आप फिर देखना। सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव में 2011 जैसी स्थिति बन सकती है? मंत्री ने जवाब दिया कि कांग्रेस के 4-5 विधायक भाजपा में आ सकते हैं, मुझे ऐसा लगता है। सहकारिता मंत्री ने कहा, 100 प्रतिशत कल की तारीख तय हो गई है। कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। निश्चित तौर पर कल (बुधवार) चर्चा होगी। कांग्रेस के मित्रों से ये आग्रह है कि अविश्वास प्रस्ताव में चर्चा कराएं, भागे नहीं। 15 महीने की कांग्रेस सरकार का कार्यकाल भ्रष्टाचार, घोटालों, दादागीरी और झूठे मुकदमों से भरा पड़ा है। कांग्रेस चर्चा से भाग जाती है। जब मुख्यमंत्री सदन में बोलते हैं, तो विपक्ष के विधायक सदन में नहीं बैठते। आप चर्चा कीजिए, लेकिन सुनिए भी।
पटेल का दावा अविश्वास प्रस्ताव गिरेगा
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं। अविश्वास प्रस्ताव गिरेगा। जब कांग्रेस की सरकार गिरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायक इस्तीफा देकर जनता की अदालत में गए, तब उपचुनाव में जनता ने कांग्रेस को ऐसा धक्का दिया कि जो साथी कांग्रेस के समय 5-6 हजार वोटों से जीते थे, भाजपा से चुनाव लडऩे पर वही विधायक 50-60 हजार मतों से जीते। उन्होंने कहा- कांग्रेस के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। अविश्वास का हाल 2011 जैसा हो सकता है। जो भाजपा की रीति-नीति को पहचान कर आना चाहे, उसका स्वागत है।
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