नई दिल्ली: 9 राज्यों की 12 सीटों पर होने वाले उपचुनाव (By-elections) से पहले ही बीजेपी के 3 उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं. इनमें राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu), बिहार से उपेंद्र कुशवाहा (upendra kushwaha) और मनन कुमार मिश्रा (Manan Kumar Mishra) शामिल हैं. तीनों उम्मीदवारों को जीत का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है. बिहार में जीतने के बाद दोनों उम्मीदवारों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिष्टाचार मुलाकात की. दरअसल, असम, बिहार और महाराष्ट्र की दो-दो सीट, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की एक-एक सीट पर उपचुनाव होना है.
राज्यसभा का ये उपचुनाव असम में कामाख्या प्रसाद ताशा और सर्वानंद सोनोवाल, बिहार में मीसा भारती और विवेक ठाकुर, हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा, मध्य प्रदेश के ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया, महाराष्ट्र से छत्रपति उदयन राजे भोसले, पीयूष वेदप्रकाश गोयल, राजस्थान से केसी वेणुगोपाल और त्रिपुरा से बिप्लब देव के लोकसभा सदस्य चुने जाने और तेलंगाना के केशव राव व ओडिशा की ममता मोहंता के इस्तीफे से खाली हुई हैं. नए चुनाव के बाद चुने जाने वाले सदस्य निवर्तमान सदस्यों के बाकी बचे कार्यकाल के लिए होंगे. ये कार्यकाल अगले साल यानी 2025 से 2028 के बीच है.
चुनाव आयोग ने इसी महीने राज्यसभा उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी. इसमें नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी. मतदान 3 सितंबर को संबंधित राज्यों की विधानसभाओं में सुबह नौ बजे से चार बजे तक होगा. उसी शाम पांच बजे से मतगणना होगी और रात तक नतीजे आ जाएंगे.
रवनीत सिंह बिट्टू
लोकसभा चुनाव में लुधियाना से चुनाव हारने वाले रवनीत सिहं बिट्टी (48) को मोदी कैबिनेट 3.0 में केंद्रीय मंत्री बनाया गया है. तीन बार कांग्रेस सांसद रह चुके रवनीत सिंह बिट्टू पहली बार 2009 में आनंदपुर साहिब से लोकसभा के लिए चुने गए थे. इसके बाद 2014 और 2019 में लुधियाना से जीते थे. बिट्टू की उम्र सिर्फ 11 साल थी, जब उनके पिता की मौत हो गई और 20 साल की उम्र में उनके दादा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. साल 2007 में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बिट्टू राजनीति में आए. उससे पहले बिट्टू एक छोटी सी सीमेंट प्रोडक्शन यूनिट चलाते थे. बिट्टू को 2008 में 33 साल की उम्र में पंजाब युवा कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
उपेंद्र कुशवाहा
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में उपेंद्र कुशवाहा को बिहार की काराकाट सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उन्होंने एनडीए की तरफ से काराकाट सीट से आरएलएम के टिकट पर चुनाव लड़ा था. कुशवाहा बिहार के बड़े नेता हैं. वो बिहार विधान परिषद और विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. इसके अलावा वो लोकसभा और राज्यसभा के भी सदस्य रहे हैं. वो केंद्र में मंत्री भी रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने 1985 में राजनीति की दुनिया में कदम रखा. 1985 से 1988 तक वे युवा लोकदल के राज्य महासचिव रहें और 1988 से 1993 तक राष्ट्रीय महासचिव बने रहे.
मनन कुमार मिश्रा
मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के कुचायकोट प्रखंड के तिवारी खरेया गांव के मूल निवासी मनन कुमार मिश्रा अप्रैल 2012 से लगातार बार काउंसिल ऑफ इंडिया का चुनाव जीतते आ रहे हैं. सात बार बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा को बीजेपी ने बिहार से राज्यसभा भेजने का फैसला किया. मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं.
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