नई दिल्ली (New Dehli)। भाजपा ने ओडिशा (BJP Odisha)से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav)को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें यहां से पार्टी ने उम्मीदवार (Candidate)तो बना दिया है, लेकिन उसके यहां से 22 ही विधायक हैं। जबकि यहां जीत के लिए 38 विधायकों का साथ चाहिए। फिर बाकी का जुगाड़ कहां से होगा? इसका जवाब बीजेडी के समर्थन के तौर पर मिल गया है। ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी ने अश्विनी वैष्णव की राज्यसभा उम्मीदवारी के समर्थन का ऐलान किया है। पार्टी ने इसकी जानकारी बयान जारी करके दी है। इससे पहले बीजेडी के पूर्व विधायक देबाशीष और यूथ विंग के वाइस प्रेसिडेंट सुभाषीश खूंटिया ने नामांकन किया था। तीसरा कैंडिडेट कौन होगा, इसकी चर्चा थी। अब इन चर्चाओं का अंत करते हुए भाजपा ने अश्विनी वैष्णव को कैंडिडेट बनाया है।
पिछली बार भी BJD ने उनका समर्थन किया
रेल मंत्री दूसरी बार ओडिशा से राज्यसभा जाएंगे। पिछली बार भी BJD ने उनका समर्थन किया था। राज्य की विधानसभा में बीजेडी के पास कुल 109 विधायक हैं और भाजपा के 22 हैं। वहीं कांग्रेस के सिर्फ 9 ही विधायक हैं। तीन उम्मीदवारों में से सभी को पहली प्राथमिकता 38 वोटों की जरूरत चुनाव जीतने के लिए है। इसी के चलते कयास लग रहे थे कि आखिर इस बार तीसरा कैंडिडेट कौन होगा। लेकिन अंत समय में एक बार फिर से भाजपा और बीजेडी साथ आ गए हैं।
BJP ने राज्यसभा की नई सूची से चौंकाया
बीजू जनता दल के समर्थन से अश्विनी वैष्णव का राज्यसभा जाना अहम है। यह नए समीकरणों का भी संकेत देता है और 2024 के बाद किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर दोनों दलों के साथ आने की संभावनाओं के द्वार भी खोलता है। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि एक तरफ INDIA अलायंस में बिखराव की स्थिति है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा नए दलों और नेताओं को साथ ला रही है। बता दें कि मंगलवार को ही महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण भी भाजपा में आए हैं और उनके भी राज्यसभा में जाने की चर्चाएं हैं। उनके नाम का आज शाम तक ऐलान हो सकता है क्योंकि कल ही नामांकन का आखिरी दिन है।
दोनों के बीच कोई फर्क नहीं, दोनों साथ है
अश्विनी वैष्णव को बीजेडी के दो राज्यसभा सांसदों के चुनाव के बाद बचे हुए 33 वोट मिलेंगे। इसके अलावा भाजपा के 22 विधायक पहले से हैं। इस तरह अश्विनी वैष्णव आसानी से जीत जाएंगे। बता दें कि राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार आरोप लगाते रहे हैं कि ओडिशा में भाजपा और बीजेडी साथ हैं। दोनों के बीच कोई फर्क नहीं है। माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद यह हमला और तेज हो सकता है। राहुल गांधी ने पिछले दिनों ओडिशा के झारसुगुडा में कहा था, ‘मैं बीजेडी के लोगों के पास गया तो उन्होंने कहा कि हमें हाईकमान से आदेश मिला है कि मोदी सरकार की आलोचना न करें। दोनों एक ही सिक्के के पहलू हैं। उनमें कोई अंतर नहीं है।
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