भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा शासित राज्य उप्र, हरियाणा के बाद अब मप्र सरकार ने गौ संरक्षण पर जोर देना शुरू कर दिया है। मप्र सरकार द्वारा गौ कैबिनेट का गठन करना इसी रणनीति का हिस्सा है। गौ कैबिनेट के पीछे भाजपा की रणनीति कांग्रेस के हास से गाय का मुद्दा छीनना है। क्योंकि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने गौ संरक्षण पर काम किया था। इसके तहत ही उन्होंने प्रदेश भर में 1000 गौेशालाओं का निर्माण कराया था। अब शिवराज ने गौ कैबिनेट का गठन कर यह मुद्दा कांग्रेस से छीन लिया है। इसके साथ ही सरकार लव जिहाद पर कानून बनाने जा रही है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इसका ऐलान कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने अफसरों को कानून बनाने के निर्देश दिए हैं। अगले विधानसभा सत्र में यह कानून पारित हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गठित गौ-कैबिनेट में पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि गौ कैबिनेट की पहली बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवम्बर को आगर-मालवा में गौ अभ्यारण में आयोजित की जाएगी।
गाय को आस्था से जोडऩे की कोशिश
गाय हमेशा से हिंदुओं में देवी समाज पूज्नीय रही है। अब फिर से गाय को आस्था से जोड़ा जाएगा। मध्यप्रदेश में गौ-केबिनेट के गठन से पशुपालक, गौ-सेवकों, कृषकों और खेतिहर श्रमिकों के आर्थिक कल्याण की संभावनाएं बढ़ेंगी। भारतीय संस्कृति में गौ सेवा का प्रमुख स्थान है। आज भी लाखों परिवार घर में बनी पहली रोटी गौ माता को खिलाते हैं। गौ-माता के दूध से निर्मित घी का पूजा अनुष्ठान में विशेष महत्व है। मध्यप्रदेश सरकार ने गौ- शालाओं के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं।
खेती से जुड़ेगा गौ पालन
सरकार की कोशिश है कि गौ पालन को खेती किसानी से जोड़ा जाए। हाल के सालों में खेती में बैलों का उपयोग लगभग खत्म हो गया है। इस वजह से गायों की स्थिति चिंताजनक होती चली गई है। कृषि में खाद्यान्न के उत्पादन और कृषकों को फसलों का उचित मूल्य दिलाने के साथ गौ पालन की अहम भूमिका है। कृषि कार्य में संलग्न कृषकों को पशुपालन के लिए काफी समय मिलता है। गौ पालन की दिक्कतें दूर होंगी और इसे आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने की दिशा में योजनाओं और कार्यक्रमों को गति मिलेगी। साथ ही गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए उपायों को अपनाया जायेगा। गौ-केबिनेट के गठन से गौ-सेवकों, पशु पालकों और किसानों को फायदा होगा।
गौ-अभ्यारण में होगी पहली गौ-कैबिनेट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौ-केबिनेट के लिए आगर-मालवा जिले में स्थित गौ-अभ्यारण का चयन किया है। यह भारत में प्रारंभ होने वाला प्रथम गौ-अभ्यारण था। यह प्रदेश की महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। चौहान ने दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा के अवसर पर गोपाष्टमी गौ-अभ्यारण में मनाने की घोषणा की थी। मध्यप्रदेश में गौ-सेवकों को गौ-शालाओं के संचालन के लिए सहायता दी गई। अशक्त और अस्वस्थ गायों के लिए उपचार और पोषण की व्यवस्थाएं भी की गईं। गौ-सेवा आयोग के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां आयोजित कर गौ- शालाओं के विकास के लिए सहयोग किया गया।
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