उज्जैन। भारतीय जनता पार्टी को इस बार घटिया विधानसभा में कार्यकर्ता आइना दिखा रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी की ओर से जितने भी लोग मशविरा करने, अंदरूनी हालात जानने या सर्वे करने पहुँच रहे हैं। उन्हें एक ही शिकायत सुनने को मिल रही है पिछली बार हमारे साथ प्रयोग क्यों किया? उल्लेखनीय है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में 10 दिन पहले भाजपा में शामिल हुए इंदौर के कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू को भाजपा ने उज्जैन जिले की घटिया विधानसभा से टिकट दे दिया था। सुरक्षित सीट होने से गुड्डू ने आलोट, सांवेर, तराना और घटिया से टिकट माँगी थी लेकिन घटिया पर समझौता हुआ। इसकी बड़ी कीमत कार्यकर्ताओं को चुकानी पड़ी।
2013 में 17000 से अधिक वोटों से जीते सतीश मालवीय को टिकट से वंचित होना पड़ा। इससे हुआ यह कि स्थानीय कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया और वे 10 दिन पहले कांग्रेस से आए गुड्डू के साथ तालमेल नहीं बिठा पाए। नतीजे में कांग्रेसी रामलाल मालवीय जीत गए और भाजपा को सीट गंवानी पड़ी। दोहरा आघात यह था कि कुछ ही समय बाद गुड्डू वापस कांग्रेस में लौट गए। पूरे 5 वर्ष कार्यकर्ता ठगाए से महसूस करते रहे कि अपनी बात लेकर किसके पास जाएं। मालवीय का रूठना स्वाभाविक था। लंबे समय तक पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपना दुखड़ा किसे सुनाएं इसी असमंजस में रहे। हालांकि पूरे समय मालवीय कार्यकर्ताओं के साथ रहे लेकिन विधायक नहीं होने से वह भी मजबूती से काम कराने में सक्षम नहीं थे। अब जब संघ और भाजपा के पदाधिकारी पड़ताल करने पहुँच रहे हैं तो कार्यकर्ता उन्हें यही एक बात कह रहे हैं कि पिछली बार जैसी गलती मत करना।
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