कोलकाता ।पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के लिए बीजेपी ने अपने 157 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करते ही आफत मोल ले ली। बीजेपी की लिस्ट में टीएमसी (TMC leaders) और दूसरे दलों से आए नेताओं को ज्यादा तरजीह दी गई है। लिहाजा पार्टी को अपने ही लोगों से (BJP workers angry) नाराजगी मोल लेनी पड़ रही है। जगतादल और जलपाईगुड़ी सदर क्षेत्र में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ ( broke office) की। वहीं दूसरी ओर भाजपा के दो उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया है।
दरअसल, जगतादल विधानसभा सीट से अरिंदम भट्टाचार्य (Jagtadal Assembly seat Arindam Bhattacharya) को टिकट देने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने पोस्टर फाड़ दिए। कार्यकर्ताओं ने यहां धरना प्रदर्शन भी किया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम अरिंदम को अपना उम्मीदवार नहीं मान सकते, हम अरुण ब्रह्मा को अपने उम्मीदवार के रूप में देखते हैं।’ अरिंदम तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जलपाईगुड़ी के डीबीसी रोड में पार्टी ऑफिस में तोड़फोड़ की। पार्टी से जलपाईगुड़ी सदर सीट से सुजीत सिन्हा को उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है जो पार्टी वर्कर्स को बिल्कुल रास नहीं आया। इससे पहले चौरिंगी सीट से उम्मीदवार बनाई गईं शिखा मित्रा ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। शिखा मित्रा ने कहा कि उन्होंने टिकट मांगा ही नहीं था।
पार्टी ने पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा की पत्नी शिखा मित्रा और तृणमूल कांग्रेस विधायक माला साहा के पति तरुण साहा को उम्मीदवार बनाया है। हालांकि बीजेपी को उस समय फजीहत का सामना करना पड़ा जब शिखा मित्रा और तरुण साहा ने बीजेपी की उम्मीदवारी स्वीकार करने से इनकार कर दिया। शिखा मित्रा ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि बीजेपी की सूची में मेरा नाम कैसे आ गया। मैं कांग्रेस के साथ हूं और रहूंगी।’
टीएमसी ने मौका लपकते हुए बीजेपी पर तंज किया है। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्री अमित शाह को होमवर्क करने तक की नसीहत दे दी। महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ‘खाकी निकर में भी घुटने दिखते हैं। बीजेपी ने आखिरकार 2 हफ्ते बाद पश्चिम बंगाल उम्मीदवारों के नाम घोषित किए और जिनके नाम लिस्ट में हैं उनका कहना है कि वे बीजेपी का हिस्सा नहीं है और न ही बीजेपी के टिकट के पीछे भाग रहे हैं। मिस्टर शाह, आपको कुछ होमवर्क करने की जरूरत है।’
उधर, बीजेपी युवा मोर्चा की राज्य इकाई के नेता और पूर्व बीजेपी नेता तपन सिकदर के बेटे सौरव सिकदर ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी पर पुराने नेताओं का अपमान करने का आरोप लगाया। राज्य के अन्य इलाकों में जहां बीजेपी ने दूसरे दलों के नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, वहां से विरोध की खबरें आ रही हैं।
बता दें कि बीजेपी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए 157 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की। पार्टी ने जहां दूसरे दलों से आए 22 नेताओं को टिकट देने में तरजीह दी है, वहीं इसने अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकल रॉय, सांसद जगन्नाथ सरकार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा और लोक गायक असीम सरकार को भी चुनावी रण में उतारा है। उम्मीदवारों की सूची में महिलाओं सहित 17 मुस्लिम चेहरे भी शामिल हैं।
पार्टी ने जब से उम्मीदवारों के नामों की घोषणा शुरू की है तभी से पार्टी के कई क्षेत्रों के कार्यकर्ता दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट बंटवारे में महत्व मिलने से नाराज हैं और अनेक स्थानों पर प्रदर्शन भी कर रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इसके विरोध में इस्तीफा तक दे दिया है। मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्सु, राज्य की महिला मोर्चा की अध्यक्ष अग्निमित्र पॉल, फिल्मी हस्तियों रुद्रनील घोष, सराबंती चट्टोपाध्याय और पार्नो मित्रा को भी पार्टी ने टिकट दिया है। शुभ्रांग्सु ने पिछले विधान सभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
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