भोपाल। भाजपा संगठन में पीढ़ी परिवर्तन का दौर चल रहा है। हाल ही में संगठन नए पदाधिकारियों की नियुक्ति कर वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है। जिससे कई नेताओं का राजनीतिक जीवन प्रभावित होने की संभावना है। संगठनात्मक बदलाव को लेकर विधायक खासे चिंतित नजर आ रहे हंै। साथ ही मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से कुछ विधायक नाराज चल रहे हैं। ऐसे में भाजपा विधानसभा सत्र से पहले विधायकों को मन टटोलना चाहती है। इसके लिए 12 एवं 13 फरवरी को उज्जैन में प्रशिक्षण वर्ग होने जा रहा है। पहले यह पचमढ़ी में होने वाला था। विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता, विधायक हिस्सा लेंगे। साथ ही प्रशिक्षण वर्ग के दूसरे दिन सांसद भी प्रशिक्षण वर्ग में शामिल होंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा प्रशिक्षण वर्ग की तैयारियों को अपने स्तर पर खुद देख रहे हैं। इसमें विधायकों से निकट भविष्य में होने वाले नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव को लेकर भी चर्चा की जाएगी। पार्टी निकाय चुनाव में विधायकों को पार्टी प्रत्याशियों की जिताने का जिम्मा सौंपेगी। खासकर शहरी क्षेत्रों के विधायकों को निकाय चुनाव की जिम्मेदारी ज्यादा रहेगी।
घर बैठ गए हैं वरिष्ठ नेता
भाजपा में पीड़ी परिवर्तन का दौर शुरू होने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के पास किसी तरह का दायित्व नहीं रहा है। ऐसे में वरिष्ठ नेता और पूर्व पदाधिकारी संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त होकर घर बैठ गए हैं। यदि इन्हें किसी तरह का दायित्व नहीं सौंपा गया तो पार्टी को निकट भविष्य में होने वाले चुनावों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। क्योंकि नए पदाधिकारियों का पार्टी कार्यकर्ता एवं जनता में उतना प्रभाव नहीं है, जितना वरिष्ठ पदाधिकारियों का रहा है।
पूर्व पदाधिकारियों का भी तय होगा दायित्व
विधायकों के प्रशिक्षण वर्ग में पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी, सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। साथ ही पूर्व पदाधिकारियों को भी बुलाया गया है। प्रशिक्षण वर्ग के बाद वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पदाधिकारियों का भी दायित्व तय किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भाजपा निकाय चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पदाधिकारियों के अनुभव को भुनाना चाहती है।
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