भोपाल। मप्र सरकार द्वारा 15 नवंबर को आयोजित जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) के अवसर पर भाजपा मिशन 2023 की तैयारियों का आगाज करेगी। जंबूरी मैदान में आयोजित जनजातीय महासम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Prime Minister Narendra Modi and Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) आदिवासियों के लिए कई सौगातों की घोषणा करेंगे। इसके साथ ही पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएगी। गौरतलब है कि अमर शहीद बिरसा मुंडा की जयंती पर शिवराज सरकार (Shivraj Sarkar) ने जंबूरी मैदान में जनजातीय महासम्मेलन आयोजित किया है। इस आयोजन में प्रदेश के करीब 2 लाख आदिवासियों को लाने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) दोपहर 12 से 2 बजे तक कार्यक्रम में रहेंगे। यहां स्व सहायता समूह के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है, जिसका प्रधानमंत्री अवलोकन करेंगे। प्रधानमंत्री का भाषण करीब 20 से 25 मिनट का होगा। इससे पहले राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Governor Mangubhai Patel and Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) का भाषण होगा।
वनों के प्रबंधन का अधिकार ग्राम सभाओं को मिलेगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक वनों के प्रबंधन के अधिकार ग्राम सभाओं को सौंपे जाने की घोषणा करेंगे। इसके साथ ही अनुसुचित जनजाति साहूकार एक्ट को लागू किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री आदिवासियों से जुड़ी कोई बड़ी योजना का ऐलान भी कर सकते हैं।
मंच पर सिर्फ आदिवासी नेताओं को जगह
कार्यक्रम की तैयारियों के मुताबिक मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल के अलावा 13 आदिवासी नेता मौजूद रहेंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किए गए हैं, जबकि मंच पर पहली पंक्ति में शिवराज सरकार में मंत्री बिसाहूलाल सिंह, विजय शाह और मीना सिंह को जगह मिली है। दूसरी पंक्ति में पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे, गजेंद्र सिंह पटेल, सांसद दुर्गादास उईके, हिमाद्री संपतिया उईके, सुमेर सिंह सोलंकी व पूर्व मंत्री कलसिंह भाभर बैठेंगे।
4 जातियों पर रहेगा फोकस
सूत्रों के मुताबिक आयोजन में आदिवासियों की गौड, भील, कोल व सहरिया जाति के लोगों को अधिक संख्या में बुलाने का निर्णय लिया गया है। आयोजन की प्रारंभिक तैयारी के मुताबिक आदिवासियों को 14 नवंबर को विदिशा, रायसेन, सांची व सीहोर में ठहराया जाएगा। इन्हें 15 नवंबर को कार्यक्रम स्थल पर लाया जाएगा।
मिशन 2023 की तैयारी का आगाज
मोदी के दौरे को भी आदिवासियों को 2023 के चुनाव के लिए लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। वजह यह है कि राज्य में 43 समूहों वाले आदिवासियों की आबादी 2 करोड़ से ज्यादा है, जो 230 में से 84 विधानसभा सीटों पर असर डालती है। मप्र में 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासियों ने बड़ा नुकसान पहुंचाया था।
10 नवंबर से पहले शिवराज की 3 सभाएं होंगी
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि 15 नवंबर को आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासी बाहुल्य शहडोल, मंडला और धार में सभाएं करेंगे। इन सभाओं में आदिवासी नेता व केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा शिवराज कैबिनेट में मंत्री विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह व मीना सिंह मौजूद रहेंगे।
भाजपा इसलिए झोंक रही ताकत
आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 84 में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। वहीं, जिन सीटों पर आदिवासी उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं। वहां सिर्फ बीजेपी को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। अब सरकार आदिवासी जनाधार को वापस भाजपा के पाले में लाने की कोशिश में जुटी है।
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