नई दिल्ली। वक्फ ऐक्ट (Wakf Act) को लागू कराने के बाद भाजपा अब मुस्लिमों (Muslim) के बीच विरोध की आग को ठंडा करने की कोशिश में जुटेगी। इसकी शुरुआत बिहार से होगी, जहां कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। पार्टी के नेता दरवाजे-दरवाजे जाएंगे और विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए बताएंगे कि कैसे यह कानून मुसलमानों के हित में होगा। इसके अलावा जेडीयू को भी मरहम देने की कोशिश होगी, जिसने लोकसभा और राज्यसभा में तो इसका समर्थन किया था, लेकिन जमीन पर उसे मुस्लिमों की नाराजगी की चिंता है। बिहार में पसमांदा मुस्लिमों का वोट जेडीयू को मिलता रहा है। ऐसे में पार्टी चाहती है कि वह उससे न छिटके। इसलिए भाजपा की मुहिम एक तरफ मुस्लिमों को समझाने की होगी तो वहीं जेडीयू को भी मरहम लगाने का प्रयास है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार बिहार में वक्फ ऐक्ट के पक्ष में कैंपेन चलाने की जिम्मेदारी राधा मोहन दास अग्रवाल और दुष्यंत गौतम को मिली है। उनके साथ अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी होंगे और भाजपा लीडर अनिल एंटनी को भी साथ लगाया गया है। वर्कशॉप में किरेन रिजिजू समेत कई मंत्री आएंगे और इस बिल की बारीकियों के बारे में जानकारी देंगे। इस वर्कशॉप का यही उद्देश्य है कि भाजपा नेताओं को हर पहलू की जानकारी हो ताकि मुस्लिम मोहल्लों में पहुंचने पर किसी भी सवाल में कोई फंसा न सके।
बिहार में भी कई सांसद और नेता ऐसी वर्कशॉप आयोजित कर रहे हैं। दरअसल वक्फ ऐक्ट को लेकर माना जा रहा था कि भाजपा को जेडीयू, टीडीपी और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी-आर से समर्थन पाने में मुश्किल होगी। लेकिन इन लोगों का भी समर्थन मिला तो बिल से ऐक्ट तक का रास्ता तय हो गया। अब इन दलों के लिए नैरेटिव न बिगड़े इसकी चिंता भी भाजपा कर रही है।.
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