सख्त गाइड लाइन के तहत टिकट बांटने के परिणाम से वाकिफ है पार्टी
भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) को साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव (assembly elections) का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसलिए एक सख्त गाइडलाइन के तहत टिकट बांटने के बाद पार्टी डैमेज कंट्रोल भी उसी सख्त अंदाज में करने जा रही है। इससे प्रत्याशी के विरोध की स्पष्ट तस्वीर उसके पास होगी।
भाजपा ने चूंकि राज्य में जिला और संभागीय संगठन मंत्री की व्यवस्था को ख़त्म किया है इसलिए उसके परिणाम जानने का काम सर्वे एजेंसी से कराया जाएगा, जो कि पार्टी से जुड़े सामाजिक और व्यापारिक संगठनों से नियमित संवाद कर शहर के लोगों के संपर्क में रहते हुए यह लगाएगी कि किस प्रत्याशी के बारे में क्या सोचा जा रहा है,उन्हें किससे और कहां से सहयोग आ रहा है । इसके साथ ही यह एजेंसी इस बात का भी पता लगाएगी कि पार्टी द्वारा किए गए नए प्रयोग से उनके अपने ही दल में कोई रोष तो व्याप्त तो नहीं हो रहा है और यदि कहीं कोई रोष नजर आया तो डैमेज कंट्रोल की भी व्यवस्था की जाएगी।
गुजरात से जुड़ी दो कंपनियां करेगी सर्वे
सूत्रों ने कहा की मुंबई और गुजरात से जुडी दो सर्वे कंपनियों को इस काम पर लगाया गया है। बताया जाता है कि इसी कंपनी के सर्वे के आधार पर पार्टी ने अधिक से अधिक नए और युवा चेहरों के साथ एक परिवार को बार-बार राजनीतिक फायदा न पहुंचने की गाइडलाइन बनाई और उस पर अडिग भी रही है। सूत्रों ने कहा पार्टी के रणनीति के तहत ही विवाद वाले स्थानों पर नेताओं से कई दौर की चर्चा कर उन्हें चुनाव जिताने की जवाबदेही के बाद ही नए चेहरों का जोखिम उठाया गया है। हालांकि इस प्रयोग के परिणाम यह तय करेंगे कि सर्वे में दिए गए सुझाव भविष्य के लिए उपयुक्त है या नहीं
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