भोपाल। मप्र में भाजपा ने 200 से अधिक सीटें जीतने का जो टारगेट सेट किया है, उसके लिए मतदाताओं से सीधे जुड़ाव के लिए पार्टी ने जनता के ‘सहयोग’ से चुनाव लडऩे का निर्णय लिया है। यानी पार्टी हर विधानसभा क्षेत्र में दानदाताओं से आर्थिक सहयोग लेगी। इसके लिए संगठन की ओर से पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष एवं रतलाम विधायक चेतन काश्यप को फंड जुटाओ समिति की जवाबदारी सौंपी गई है। गौरतलब है कि लगभग हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा जनता से फंड लेती है। इसके पीछे पार्टी का उद्देश्य होता है कि ऐसा करने से एक तो हर मतदाता तक पार्टी पहुंचती है और सहयोग राशि देने वाला मतदाता पार्टी को वोट जरूर देता है। यानी भाजपा का यह उपक्रम एक तरह से वोट का सर्वे भी होता है। इस बार भी भाजपा ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फंड जुटाएगी। विधानसभावार सौंपें जाएंगे टारगेट: उल्लेखनीय है की भाजपा कोई भी चुनाव पूरी ताकत और तन्मयता से लड़ती है। नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पूरी तैयारी से जुट गई है। इसी कड़ी में विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए पार्टी समर्थकों और अपने कार्यकताओं से फंड भी जुटाएगी। इसके लिए हर विधानसभा में ऐसे दानदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है जो पार्टी के लिए आर्थिक मदद भी दे सकें। पार्टी के नए-पुराने कार्यकताओं से भी चुनाव के लिए मदद करने को कहा जाएगा। जिलाध्यक्षों को क्षेत्रीय संभावनाओं के हिसाब से टारगेट भी दिए जाएंगे। संगठन की ओर से पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष एवं रतलाम विधायक चेतन काश्यप को फंड जुटाओ समिति की जवाबदारी सौंपी गई है। भाजपा अभी पार्टी के खर्चों के लिए कार्यकताओं से हर साल आजीवन सहयोग निधि एकत्र करती है। लेकिन अब चुनावी खर्चों के लिए भी समर्थकों और कार्यकताओं से राशि जुटाई जाएगी। जल्दी ही इस अभियान के लिए समिति गठन कर सभी जिलों को विधानसभावार धन जुटाने की भी जवाबदारी सौंपी जाएगी। पार्टी का मानना है कि मिशन 2023 की सफलता के लिए इस अभियान से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पार्टी कार्यकर्ता पहुंचेंगे, जो भी व्यक्ति पार्टी को आर्थिक सहयोग देंगे उनका जुड़ाव भी बढ़ेगा। रतलाम विधायक काश्यप का कहना है कि पारंपरिक रूप से पार्टी को समर्थकों और कार्यकताओं की आर्थिक मदद भी मिलती है। इस बार इसे हर विधानसभावार एकत्र करेंगे। पार्टी के जितने भी शुभचिंतक हैं उनसे संपर्क किया जाएगा और पारदर्शी तरीके से धन संग्रह करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें जिलाध्यक्षों को भी जवाबदारी सौंपी जाएगी और अलग- अलग समिति भी गठित करेंगे।
अलग-अलग समितियां भी गठित
प्रदेश में 51 फीसदी से अधिक वोट प्रतिशत पाने के लिए भाजपा ने हर वर्ग से जुड़ाव की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए हाल ही में संपन्न हुई प्रदेश कार्यसमिति के दौरान संगठन ने अलग-अलग समितियां भी गठित की हैं। इन समितियों की एक-एक मंत्री को जवाबदारी सौंपी गई है। इसमें जनाधार बढ़ाने पार्टी से नए लोगों को जोडऩे के लिए डॉ. नरोत्तम मिश्रा को जवाबदारी दी गई है। हारी सीटों पर जमावट विश्वास सारंग, युवा वोटर्स जोडऩे डॉ. मोहन यादव, समाजों से संपर्क के लिए भारत सिंह कुशवाहा, सरकार की योजनाओं की ब्रांडिंग व हितग्राहियों को लुभाने अरविंद भदौरिया, बुद्धिजीवियों के बीच पार्टी की ब्रांडिंग व फीडबैक जगदीश देवड़ा, बूथ मजबूती और सोशल मीडिया का दायरा फैलाने राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और महिलाओं के बीच पार्टी का जनाधार बढ़ाने पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस अभियान से सधेगा हर वर्ग
दरअसल मप्र में विधानसभा चुनाव की सियासी चौसर पर अब जातिगत और समुदाय विशेष की राजनीति केंद्र में आ गई है। भाजपा जातियों और वर्गो को रिझा कर अपने वोट बैंक को मजबूत कर चुनावी नैय्या पार लगाने में जुट गई है। इसके तहत सत्ता-संगठन के नेताओं ने चुनावी साल में मैदानी स्तर पर सभी वर्गों तक पहुंच बढ़ाने के लिए अपनी कवायद तेज कर दी है। सरकार ने भी हाल ही में एक साथ कई योजनाओं का ऐलान कर दलित-आदिवासी वर्ग में खासतौर पर युवाओं को अपना कारोबार स्थापित कर उद्यमी बनाने का संकल्प भी जताया गया है। प्रदेश के सभी जिलों से 20 हजार बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन के लिए भेजने का कार्यक्रम जारी हो चुका है। प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी दल ने मैदानी स्तर पर बूथ सशक्तिकरण के साथ 51 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम घोषित किए हैं। सरकारी स्तर पर भी एक साथ कई महीनों के कार्यक्रम और योजनाएं घोषित की गई हैं। इनमें जिला स्तर पर प्रशासनिक अमले के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को भी अपनी भूमिका निभाने और जन सामान्य से लाइव संपर्क करने की समझाइश दी गई है। पार्टी का मामना है की इस नए अभियान से पार्टी हर वर्ग को साध पाएगी।
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