भोपाल। प्रदेश में लॉकडाउन की बंदिशें हटते ही भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर मोदी एवं शिवराज सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी में है। संभवत: 15 अगस्त के बाद मप्र भाजपा इस दिशा में काम शुरू करेगी। जिसके तहत मुश्किल हालातों में कोरोना से निपटने की तैयारी, राफेल, चीन को सीमा से पीछे हटाना, कोरोना संकट में देश के 80 करोड गरीबों को मुफ्त में अनाज देना समेत अन्य प्रमुख योजना एवं कार्यों को लेकर भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता जनता के बीच जाएंगे। यह पूरी कवायद विधानसभा उपचुनाव से पहले करने की रणनीति है। राज्य सरकार ने 14 अगस्त तक सभी तरह के राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है। यही वजह है कि मप्र भाजपा ने सरकार के आदेश के परिपालन में सभी जिलों को निदे्रश जारी किए हैं कि राजनीतिक कार्यक्रम करने एवं सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से पार्टी नेता फिलहाल परहेज करें। हालांकि वर्चुअल रैली, वीडियो कॉफ्रेेंसि के जरिए कार्यक्रमों में शामिल होने की छूट पाटी ने दी है। इतना ही नहीं जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां भी सभी तरह की संगठनात्मक गतिविधियों पर रोक लगाने को कहा है। इसके लिए मप्र भाजपा ने बाकायदा निर्देश जारी किए हैं। जब तक कार्यंक्रमों पर रोक है, जब तक भाजपा अगली रणनीति पर काम करेगी। वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए नेता बैठकें कर कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के दौरे एवं उनके कार्यक्रमेां पर भी रोक लगा दी है। ऐसे में जो जिन मंत्रियों को विधानसभा उपचुनाव लडऩा है, उन्होंने भी अपने क्षेत्र के दौरे रोक दिए हंै।
गाइडलाइन का पालन करें कार्यकर्ता
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने वीडियो कॉफ्रेंस के माध्मय से जिलाध्यक्षों से कहा है कि कोविड-19 को लेकर संक्रमण से बचने के लिए जो सरकारी गाइडलाइन है उसका पालन किया जाए। साथ ही जो कार्यकर्ता संक्रमितों के संपर्क में आए हंै, वे तुरंत जांच करवाएं। किसी भी स्थिति में गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। शर्मा ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि 14 अगस्त तक किसी तरह कार्यक्रम आयोजित न करें। न ही सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लें।
केंद्र सरकार ने नहीं हटाई रोक
पिछले एक महीने के दौरान प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी आई थी। खासकर शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उपचुनाव वाले विधानसभा क्षेत्रों में कोविड-19 को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का जमकर उल्लंघन हो रहा था। जबकि अनलॉक होने के बाद भी केंद्र सरकार ने राजनीतिक गतिविधियों से रोक नहीं हटाई थी। केंद्र सरकार की ओर से अभी भी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक जारी है। इसके बावजूद भी मप्र में प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा राजनीतिक गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।
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