नई दिल्ली: अयोध्या में भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा करते ही बीजेपी लोकसभा चुनाव का शंखदान करेगी। खबर है कि राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह के ठीक एक दिन बाद, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 23 जनवरी को गुजरात जा रहे हैं। नड्डा गुजरात में आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करेंगे। वह गांधीनगर लोकसभा सीट के लिए चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और गुजरात की 26 लोकसभा सीटों पर पार्टी के चुनाव कार्यालयों का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इतना ही नहीं गुजरात के दौरान जेपी नड्डा बीजेपी प्रदेश संगठन के साथ बैठक करेंगे और गुजरात बीजेपी आगामी आम चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रेजेंटेशन देगी। प्रदेश भाजपा, पार्टी प्रमुख को लोकसभा चुनाव की योजनाओं और रणनीतियों के बारे में जानकारी देगी।
लोकसभा चुनाव की रणनीति का खाका किया पेश
गौरतलब है कि इस मंगलवार को ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी की एक अहम बैठक हुई थी जिसमें सभी 543 लोकसभा सीट पर प्रचार अभियान की रणनीति को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में, पहली बार के मतदाताओं, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों, अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, युवाओं और महिलाओं को साधने की रणनीति पर भी जोर दिया गया। पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने बताया कि 300 से अधिक पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए काम किया और उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत का वैश्विक कद कई गुना बढ़ा है।
“दूसरे दलों के नेताओं का स्वागत”
यह संकेत देते हुए कि भाजपा अन्य दलों के नेताओं का स्वागत करना चाहती है, गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्हें ऐसी जानी-मानी हस्तियों और विभिन्न समुदायों के नेताओं से संपर्क करना चाहिए जो ‘राष्ट्रवादी मुख्यधारा’ का हिस्सा बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का लक्ष्य केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि अपने संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय के ‘अंत्योदय’ के ध्येय के अनुरूप सबसे वंचितों का उत्थान करना है। वहीं नड्डा ने अपने संबोधन में नेताओं से देश भर में पार्टी का और विस्तार सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नेताओं को यह देखना चाहिए कि पार्टी को उन राज्यों में अधिक सीट पर जीत हासिल हो, जहां 2019 में उसे सीमित सफलता मिली थी। उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मोदी सरकार के तहत 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
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