भोपाल। प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों की तैयारी शुरू हो गई है। निकायों में वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान भाजपा ने संकेत दिया है कि इस बार के निकाय चुनाव में पार्टी युवाओं पर दांव लगाएगी। इस कारण मठाधीश पार्षदों को टिकट नहीं दिया जाएगा। उनको उनकी योग्यता अनुसार संगठन में एडजस्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि प्रदेशभर में निकाय चुनावों को लेकर वार्ड आरक्षण शुरू हो गया है। भोपाल में कोरोना संक्रमण के कारण आरक्षण की प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। उधर, पार्षदी की चाह रखने वाले नेता सक्रिय हो गए हैं। खासकर वे नेता सबसे अधिक सक्रिय हैं जो वर्षों से पार्षद बनते आ रहे हैं। लेकिन इस बार संगठन ने कई नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया। इसकी वजह यह है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने साफ कर दिया कि इस बार 40 से कम उम्र यानी ज्यादा से ज्यादा युवाओं को मौका दिया जाएगा।
कईयों की होगी छुट्टी
अगर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का फॉर्मूला लागू होता है तो भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य नगरीय निकायों में दिग्गज पार्षदों की छुट्टी तय मानी जा रही है। हालांकि जिन क्षेत्रों में वार्ड आरक्षण हो गया है, वहां के अधिकांश दिग्गज पार्षदों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। वे अपने क्षेत्र में अभी भी सक्रिय हैं। गौरतलब है कि वीडी शर्मा ने साफ कर दिया है कि पार्षदों की आयु सीमा पर जोर दिया जाएगा। जिस तरह 40 साल से कम उम्र के युवाओं को मंडल अध्यक्ष बनाया गया, उसी तरह पार्टी इस बार निगम चुनावों मे भी कमउम्र युवाओं को उम्मीदवार घोषित करेगी।
सताने लगी भविष्य की चिंता
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के बयान के बाद अधिकांश मठाधीश पार्षदों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। क्योंकि जिस वार्ड को वह अपना घर बताकर हक जताने लग गए हैं, उसे छोड़कर जाने के बाद क्षेत्र के युवा संभाल रहे थे। स्थिति तो ये थी कि वे झांककर भी नहीं देखते थे कि क्षेत्र में क्या हो रहा है? उनके दावा करने से युवाओं में नाराजगी पनपना शुरू हो गई है।
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