भोपाल। विधानसभा अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन के बाद अब उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर भाजपा की तरफ से साफ संकेत मिलने लगे हैं। भाजपा का कहना है अध्यक्ष के बाद अब उपाध्यक्ष भी उनका ही रहेगा। इसके पीछे भाजपा का तर्क है कि यह परंपरा कांग्रेस ने शुरू की है और ऐसे में अब भाजपा सिर्फ इस परंपरा का पालन करेगी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक गिरीश गौतम को मध्यप्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया है।अब विधानसभा उपाध्यक्ष की बारी है। ऐसे में अब पुरानी परंपराओं का हवाला दिया जा रहा है। सरकार के मंत्रियों की मानें तो कांग्रेस ने इस परंपरा को शुरू किया है,उसे अब पूरा भाजपा करेगी। यानि यह साफ हो गया है कि अब उपाध्यक्ष पद भी भाजपा के खाते में जाएगा। ऐसे संकेत मंत्रियों के बयानों से मिल रहे हैं।
मंत्रियों ने एक सुर में कही बात
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा-विधानसभा में उपाध्यक्ष का पद भी सत्तारूढ़ पार्टी के पास रखने की शुरुआत कमलनाथ सरकार के दौरान कांग्रेस ने की थी। हम उस परंपरा का निर्वहन करेंगे। विश्वास सारंग ने कहा जब कमलनाथ सरकार थी, उस दौरान उपाध्यक्ष पद भी विपक्ष को नहीं दिया गया। कमलनाथ सरकार के दौरान अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद दोनों कांग्रेस ने अपने पास रखे। हम भी अब यही करेंगे। भाजपा का ही उपाध्यक्ष होगा।
गिरीश गौतम ने नहीं बताया अपना सब्जेक्ट
नवनियुक्त विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विधानसभा की चुनौतियों को लेकर कहा कोरोना से परेशानियां हुई हैं। इस पर विधानसभा स्तर पर मंथन, विचार करेंगे।सरकार स्तर पर किए जा रहे प्रयासों को और बेहतर किया जा सके यही चुनौती रहेगी। उन्होंने कहा जो दायित्व दिया गया, उसका निर्वाह करने का प्रयास करूंगा। पार्टी ने विश्वास किया है उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। माननीय सदस्यों के अधिकारों और हितों का संरक्षण करूंगा।
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